निजी बैंक में खुला है मध्याह्न भोजन प्राधिकरण का एकाउंट, अब छूट रहे पसीने

झारखंड मुख्य समाचार शिक्षा
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  • तीन दिनों के अंतराल में दो बार बैंक से पत्राचार कर चुकी है निदेशक

रांची। झारखंड राज्य मध्याहन भोजन प्राधिकरण का Single Nodel Account (SNA) निजी बैंक में खोला गया है। अब विद्यार्थियों को मिड डे मील का पैसा ट्रांसफर करने में पसीने छूट रहे हैं। तीन दिनों के अंतराल में प्राधिकारी की निदेशक किरण कुमारी पासी दो बार बैंक से पत्राचार कर चुकी है।

20 लाख विद्यार्थियों को नहीं मिला

दरअसल, राज्य के 32,62,878 छात्रों को DBT के माध्यम से मिल डे मील की करीब 253 करोड़ रुपये हस्‍तांतरित की जानी है। प्राधिकरण ने यह राशि बैंक को भेज दी है। राशि हस्तांतरण की समीक्षा के क्रम में प्राधिकरण को जानकारी मिली कि 20,73,011 छात्रों के बैंक खाता के अभाव में DBT के माध्यम से राशि हस्तांतरण की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की जा सकी है। इसके बाद प्राधिकरण के पसीने छूटने लगे हैं।

खाते नहीं खोले जा सके हैं

प्राधिकरण की निदेशक ने बैंक को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य में संचालित वर्ग 1 से 12 तक के विद्यालयों में अध्ययनरत/नामांकित कुछ छात्र-छात्राओं के द्वारा बैंक खाते नहीं खोले जा सके है। बैंक खाता नहीं होने के कारण विभिन्न प्रकार के लाभ से संबंधित सरकारी योजनाओं की राशि उनके बैंक खाते में ही DBT नहीं की जा पा रही है।

योजनाओं का उद्देश्य प्रभावित

इस प्रकार सरकारी योजनाओं का उद्देश्य प्रभावित हो रहा है। लाभुकों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। विद्यालयों में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं का बैंक खाता खोला जाना अनिवार्य हो गया है, ताकि सरकारी योजनाओं से संबंधित राशि उनके बैंक खाते में ससमय DBT किया जा सके।

दस दिनों में करें कार्रवाई

निदेशक ने कहा है कि उपरोक्त संबंध में त्वरित कार्रवाई प्रारंभ की जाय। आगामी 10 दिनों के अंदर सभी छूटे हुए छात्रों के बैंक खाते खोलने की कार्रवाई पूर्ण कराई जाए।

बैंक से यह अनुरोध किया निदेशक ने

राज्य के सभी विद्यालयों (प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक) में अध्ययनरत/ नामांकित वैसे छात्र-छात्राएं, जिनके बैंक खाते नहीं खोले जा सके है, उनके बैंक खाते अपने बैंक में अविलंब खोलने की कार्रवाई प्रारंभ की जाय।

छात्र-छात्राओं के बैंक खाते शून्य अवशेष के आधार पर भी खोले जाय, क्योंकि प्रारंभिक उम्र की अवस्था में छात्र-छात्राओं के कोई अन्य आमदनी नहीं होती है। इससे उनके द्वारा बैंक खाता खोलने से संबंधित आवश्यक राशि जमा की जा सके।

बैंक खाता खोलने के लिये माइनर खाता खोलने की स्थिति में उनके अभिभावक से संबंद्ध खाते को खोला जाय।

इस प्रयोजन से बैंकिंग कोरेसपेंडेंट की पर्याप्त संख्या में सेवा ली जाय, ताकि शीघ्र से शीघ्र सभी बचे हुए छात्र के बैंक खाते खोलने की कार्रवाई पूर्ण हो सके।

बैंकिंग कारेसपोंडेंट खाता खोलने से लेकर राशि निकासी तक में विद्यालय स्तर पर जाकर सहयोग करेंगे, ताकि छात्रों को इस प्रयोजन से पढ़ाई छोड़कर अन्यत्र जाने की बाध्यता नहीं रहे।

बैंक खाता खोलने की एकदम सरल विधि अपनायी जाय। यह कार्य कैंप आयोजित कर विद्यालय स्तर पर कराया जाय।

बैंक की ओर से इस प्रयोजन के लिए कार्य योजना जिलावार, तिथिवार एवं प्रखंडवार तैयार कर उपलब्ध करायी जाय, जिसमें बैंकिंग कोरेसपोंडेंट से संबंधित विवरणी भी उपलब्ध हो।

जिन इलाकों में बैंक की शाखाएं उपलब्ध नहीं है, उन इलाकों के छात्रों का बैंक खाता खोलने के लिये नजदीकी शाखा के पदाधिकारियों को निर्देशित किया जाय।

बैंक खाता खोलने से संबंधित दैनिक विवरणी राज्य कार्यालय की लेखा शाखा को उपलब्ध कराई जाए।

इस प्रयोजन से समग्र शिक्षा के जिला/प्रखंड कार्यालय के कर्मचारियों का सहयोग/ समन्वयन प्राप्त कर सकेंगे।