लोहरदगा। अपने धर्म में आस्था और अपना धर्म ही कर्म है। यह बात धीरे-धीरे लोगों की समझ में आने लगी है। इसका ताजा उदाहरण झारखंड के लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड में देखने को मिला। यहां कल्हेपाट डीपाटोली के देवठान उरांव ने अपने पूरे परिवार के साथ सरना समाज में घर वापसी की।
वह वर्ष 2017 में सरना धर्म छोड़कर ईसाई धर्म में परिवार समेत शामिल हो गये थे। राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के राष्ट्रीय प्रचारक राधा तिर्की और ग्राम प्रधान ने समझा बुझा कर सरना धर्म में घर वापसी कराई।
यहां बता दें कि जिले में सरना धर्म के लोगों का धर्म परिवर्तन जोरों पर है। पिछले दिनों ही रघुटोली के युवक ने सरना धर्म छोड़ ईसाई धर्म अपना लिया। इसके बाद गांव वालों ने उसका बहिष्कार कर दिया। धर्म बदलने को लेकर देवठान उरांव का कहना है कि बीमारी के कारण गिरजाघर जाना शुरू किया था। फिर ईसाई बन गये। अब सरना धर्म में वापस आये हैं और यही रहेंगे।
इधर पूरे मामले पर राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के राष्ट्रीय प्रचारक राधा तिर्की का कहना है कि सरना समाज के लोगों को बहला-फुसलाकर कर लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इसको सफल होने नहीं दिया जायेगा। हमारे प्रयास से घर वापसी कराई जा रही और लोगों को अपने धर्म में आस्था रखनी चाहिए, अपना धर्म ही कर्म है।
इधर रांची महानगर के अध्यक्ष संजय कुजूर का कहना है कि लोग ज्ञान की कमी के कारण दूसरे धर्म में चले जाते हैं, जिससे घर परिवार और समाज में गलत प्रभाव पड़ता है। लोग अपने धर्म में रहें अपने भगवान को मानें यही आपका उद्धार है।