- रांची सांसद संजय सेठ के सवाल पर केंद्रीय आयुष मंत्री का जवाब
रांची। राष्ट्रीय आयुष मिशन के मामले में झारखंड की उदासीनता उजागर हुई है। बीते 2 वर्षों में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने योजनाओं के संचालन के लिए झारखंड को 15 करोड़ रुपये दिये। राज्य सरकार सिर्फ 4.5 लाख रुपये ही खर्च कर पाई। उक्त जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोकसभा में रांची सांसद संजय सेठ के सवाल के जवाब में दी।
अतारांकित प्रश्न काल में सांसद ने केंद्रीय मंत्री से पूछा था कि झारखंड में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार क्या सहयोग कर रही है? किन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? सांसद ने यह भी पूछा था कि बीते 2 वर्षो में केंद्र सरकार ने राज्य को कितनी राशि दी है। उसका क्या उपयोग हुआ है?
जवाब में केंद्रीय मंत्री ने सांसद को सदन में लिखित रूप से बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को राष्ट्रीय आयुष मिशन के संचालन के लिए दो साल में 15 करोड़ की राशि दी गई थी। इसमें आयुष कार्यक्रमों का प्रोत्साहन के साथ-साथ रांची में 50 बेड का आयुष अस्पताल, 100 आयुष स्वास्थ्य केंद्र व वेलनेस सेंटर खोले जाने की योजना पर काम होना था। इसके अतिरिक्त गोड्डा में स्थित होम्योपैथ मेडिकल कॉलेज का भी उन्नयन किया जाना था।
राज्य सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट के मुताबिक बीते 2 साल में राज्य सरकार सिर्फ 4.5 लाख की राशि ही खर्च कर पाई। शेष राशि यूं ही पड़ी रह गई। दरअसल, इन पैसों का उपयोग राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी चीजों को बढ़ावा देने में किया जाना था।
इस जवाब के बाद सांसद ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार के मंत्री केंद्र के असहयोग करने और पैसा नहीं देने का रोना रोते हैं। दूसरी तरफ राज्य सरकार केंद्र द्वारा दिए गए सहयोग के एवज में भी काम नहीं कर पा रही है। 15 करोड़ रुपये की राशि मिलना और उसमें सिर्फ 4.5 लाख खर्च करना यह बताता है कि सरकार की मानसिकता काम करने की नहीं है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।