
- पत्नी नीरू शांति भगत अब खतरे से बाहर
आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। आजसू पार्टी के लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव कुड़ू के जिन्गी में 18 दिसंबर को किया गया। उनके अंतिम संस्कार में लोगों की भीड़ उमड़ी। अपने प्रिय नेता की याद में लोगों की आंखें नम थी।
दिवंगत कमल किशोर भगत के अंतिम संस्कार में आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो, सांसद सुदर्शन भगत, विधायक नवीन जायसवाल, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, जिला परिषद अध्यक्ष सुनैना कुमारी, भाजपा जिला अध्यक्ष समीर उरांव, भाजपा कार्यसमिति सदस्य ओम सिंह, जिला परिषद उपाध्यक्ष विनोद खेरवार, रांची से भैरो सिंह सहित अन्य राजनेता पहुंचे थे। इससे पहले सुदेश महतो ने उनकी पत्नी नीरू शांति भगत से मेदांता हॉस्पिटल में जाकर मुलाकात की।

अंतिम संस्कार के बाद आजसू सुप्रीमो ने कहा आज मैंने एक उदयीमान नेता, संघर्ष का साथी, राज्य का अग्रणी आंदोलनकारी, नेतृत्वकर्ता को खो दिया है। इस घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। उनकी कमी को भरना कठिन है। यही हम लोगों के लिए क्षति है।
विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि वह जिंदादिल इंसान और जनप्रिय नेता थे। हमेशा आम कार्यकर्ताओं और जनता के सुख और दुख में शामिल रहते थे। वह हमेशा दूसरों के लिए जिएं। ऐसे इंसान का अचानक छोड़कर चला जाना अपने आप में दुखद है।

जानकारी हो कि 17 दिसंबर को कमल किशोर भगत और उनकी पत्नी नीरू शांति भगत लोहरदगा के हरमू रोड आवास में बेहोशी की हालत में कमरे में मिले थे। घर के सदस्यों ने उन्हें तुरंत सदर अस्पताल इलाज के लिए पहुंचाया। सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने कमल किशोर भगत की मृत्यु की पुष्टि की। उनकी पत्नी के बेहतर इलाज के लिए उन्हें रांची मेदांता हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया है। अब वह खतरे से बाहर हैं।
कमल किशोर भगत की मृत्यु के कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। सदर अस्पताल में उनका पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद हरमू आवास में अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर को रखा गया। हजारों कार्यकर्ताओं ने दुखी मन से उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद ब्लॉक मोड़ स्थित आजसू पार्टी कार्यालय में पार्थिव शरीर लाया गया। कार्यकर्ताओं का रो रोकर बुरा हाल था।

कार्यकर्ताओं ने कमल किशोर भगत अमर रहे के नारे के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहां से उनका पार्थिव शहरी उनके पैतृक गांव जिन्गी लाया गया। यहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।