हत्या और डाका जैसी घटनाओं में संलिप्त प्रशांत प्रधान बन गया कोल माफिया, सहयोगियों के बारे में भी दी यह जानकारी

झारखंड
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हजारीबाग। हजारीबाग और गिरिडीह में कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद प्रशांत प्रधान कोयला माफिया बना। उसने जमीन का धंधा कर भी संपत्ति अर्जित की। हजारीबाग पुलिस की ओर से रिमांड पर लिए जाने के बाद स्वीकारोक्ति बयान में प्रशांत प्रधान ने इन बातों का खुलासा किया है।

उसने बताया कि वर्ष 1996 में उसके बड़े भाई प्रभात प्रधान को मामूली विवाद में शिवपुरी मोहल्ले के कमलेश ने चाकू घोंप दिया था। इसमें प्रभात गंभीर रूप से घायल हो गया था। प्रशांत ने बदला लेने के लिए अपने बड़े भाई और चार सहयोगियों के साथ मिलकर कमलेश की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह करीब एक साल तक जेल में रहा। इस केस में उसे और उसके भाई के अलावा दो सहयोगियों को हजारीबाग कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिली। तीन माह तक जेल में रहने के बाद वह हाइकोर्ट से जमानत पर बाहर निकला। वर्तमान में हाइकोर्ट में मामला विचाराधीन है।

जेल में रहते हुए ही उसने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। वर्ष 1999 में उसने सहयोगियों के साथ मिलकर सरिया स्टेशन रोड में एक व्यवसायी के घर डकैती की थी। इस केस में जेल गया। वहीं इचाक थाना क्षेत्र में बैंक लूट की घटना को अंजाम दिया। उसने रांची के सदर थाना क्षेत्र में भी डकैती की। वर्ष 2020 में उसने हजारीबाग के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में एक डकैती की वर्ष 2020 में उसके और उसके सहयोगी के खिलाफ धनबाद के तोपचांची थाना क्षेत्र में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ।

वर्ष 2002 में उसने सहयोगी के साथ मिलकर इचाक में एक डकैती की। वर्ष 2002 के बाद वह एक साल तक जेल में रहा। जेल से छूटने के बाद कोयले का धंधा शुरू किया। वर्ष 2006 में शादी के बाद उसने आपराधिक गतिविधियां कम कर कोयला और जमीन कारोबार शुरू कियाः उसके खिलाफ हजारीबाग, बोकारो, गिरिडीह और रांची आदि जिलों में अवैध कोयला कारोबार मामले में केस भी दर्ज किए गए। उसने कुल 20 केस के अलावा अन्य केस की भी जानकारी दी।

उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसकी आय का जरिया अवैध कोयला खरीद-बिक्री, जमीन खरीद-बिक्री और व्यवसाय है। प्रशांत प्रधान ने स्वीकारोक्ति बयान में अपनी पारिवारिक संपत्ति के बारे भी जानकारी दी। उसने बताया है कि शिवपुरी में तीन पक्का मकान में एक उसकी मां के नाम पर है। बुढ़वा महादेव के पास बड़े भाई प्रभात प्रधान के नाम पर प्रधान कैफेटेरिया है, वहीं लोहसिंघना थाना क्षेत्र में लाइफ केयर अस्पताल का संचालन प्रशांत प्रधान का छोटा भाई निशांत प्रधान तीन पार्टनर के साथ मिल कर करता है।

अरगोड़ा रांची के ग्लोबल अपार्टमेंट में एक फ्लैट और कटकमदाग थाना क्षेत्र के सदमपुर एवं सरिया में कुछ जमीन पर दखल कब्जा किया गया, जिसकी बिक्री की जा रही है।

पूछताछ में प्रशांत प्रधान ने विष्णुगढ़ निवासी केसी मंडल, कैलाश मंडल, ललका यादव, मुकेश घासी, लिटन घासी, एनुल अंसारी, सरफराज अंसारी, गोपाल महतो, उदय अग्रवाल, लामी यादव, चंदन महतो, टेकलाल सिंह, सोहन ठाकुर, राजो ठाकुर, परमेश्वर यादव, फ्रांसिस तिर्की, महेश यादव, इरफान मियां, अलखदेव सिंह, चंदन पाठक, कृपाशंकर सिंह, बुटन मालिक उर्फ सत्यजीत माली, दिवाकर नारायण सिंह, संजय साव उर्फ सीताराम साव, मनोज महतो, द्वारिका महतो, बाबू खान, महेंद्र साव, चंदन पाठक, कुंदन पाठक, प्रदीप कुमार, अकील खान, उदय कुमार सिंह, अरविंद कुमार मेहता, लखन मंडल, लाल उर्फ लालेश्वर मंडल, राजू ठाकुर, सदानंद सिंह, अकील अहमद और पंकज सिंह के नाम लिए हैं।