पहले कार्यकाल में शहीद परिवार से सीएम हेमंत सोरेन ने किया था वादा, अब तक पूरा नहीं

झारखंड मुख्य समाचार
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  • नियोजन के साथ-साथ पेट्रोल पंप दिलाने एवं आर्थिक सहायता करने का किया था वादा

प्रशांत अंबष्‍ठ

गोमिया (बोकारो)। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पहले कार्यकाल में शहीद के परिवार को नियोजन, पेट्रोल पंप, आर्थिक सहायता देने का वायदा किया था। अब दूसरे कार्यकाल भी लगभग दो साल बीतने को है। इसके बाद भी शहीद के परिवार से किया वादा पूरा नही हुआ है। शहीद परिवार से किये वादा पूरा करने की मांग को लेकर विधानसभा में विधायक भूख हड़ताल भी कर चुके हैं। इसके बाद भी परिवार को अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ।

सुकमा में हुए थे शहीद

झारखड के बोकारो जिले की घरवाटाडं पंचायत निवासी शहीद विनोद यादव ने लगभग तीन साल सीआरपीएफ 74वीं बटालियन में अपनी ड्यूटी की। ड्यूटी के दौरान 4 अप्रैल, 2014 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गये। उनके शहीद होने के दो दिनों बाद झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके घर पहुंचे। उनके परिवार को सांत्वना देते हुए हर संभव मदद करने का भरोसा दिया।

सीएम ने किया था वादा

उस वक्त मुख्यमंत्री ने सरकार की तरफ से शहीद के आश्रित को राज्य में नियोजन के साथ-साथ एक पेट्रोल पंप दिलाने एवं आर्थिक सहायता देने की बात कही थी। मुख्यमंत्री का आश्वासन आजतक धरा का धरा ही रह गया। इन दिनों शहीद विनोद यादव के परिवार की जिंदगी कठिनाइयों में कट रही है।

अभी तक कुछ नहीं मिला

शहीद की पत्नी अंजू देवी ने बताया कि उनके पति के शहीद होने के बाद राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सुबोधकांत सहाय उनके घर आए थे। उन्होंने वादा किया था कि नियोजन, एक पेट्रोल पंप एवं आर्थिक सहायता दी जाएगी। अभी तक कुछ मिला नहीं। सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते थक चुकी हूं। बाबुओं के कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है। पता नहीं सरकार कब तक सुध लेगी।

विधायक ने की मदद

गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने उनके पारिवारिक स्थिति को देखते हुए शहीद के बच्चों को तेनुघाट डीएवी में नि:शुल्क शिक्षा दिलाने में मदद की। सरकारी सहायता के लिए शहीद के परिवारों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास भी गए। उनकी मांग पूरी करने के लिए विधानसभा में भूख हड़ताल भी की। इसके बाद भी कुछ सुनवाई नहीं हो सकी है।

एकमात्र कमाऊ बेटा

शहीद विनोद यादव की मां ने बताया बेटे के शहीद होने के बाद उनके पति विशेश्वर यादव की भी मृत्यु हो गई। चार बेटे और दो बेटियां हैं। शहीद हो चुका बेटा ही घर चलाता था। उसके चले जाने के बाद परिवार काफी मुसीबतों का सामना कर रहा है। खेती-बाड़ी कर अपना जीवन बसर कर रहे हैं। सरकारी बाबुओं के यहां चक्कर लगाते लगाते अब थक चुके हैं।

लड़ाई जारी रहेगी

इस मामले में गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि सीआरपीएफ के शहीद तेनुघाट घरवाटाड़ निवासी विनोद यादव के परिवार को सरकार ने ना तो नियोजन दिया, ना ही मुअवजा। पिछले 6 वर्षों से शहीद का परिवार सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहा है। शहीद के परिवार को सम्मान और नियोजन दिलाने के लिए हमने विधानसभा मे भूख हड़ताल किया था। हालांकि संवेदनहीन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। शहीद के परिवार को न्याय दिलाने के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। सरकार द्वारा घोषित अनुग्रह राशि ,नियोजन, पेट्रोल पंप उनके परिवार को दिलाया जाएगा।