राशन लेने के लिए पहाड़ और डैम की खाक छान रहे लाभुक

झारखंड
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विवेक चौबे

गढ़वा। राशन वितरण को लेकर डीलरों की अजीब तरह की छवि बनी हुई है। काफी डीलर राशन नहीं देने या कम देने के फिराक में रहते हैं। कई तो तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। कई इस मामले में अधिकारियों के निर्देश तक को ठेंगा दिखाते हैं। हालांकि कुछ डीलर लाभुकों को राशन देने के लिए हर तरह के उपाय कर रहे हैं। वे पहाड़ और डैम तक पहुंच रहे हैं। लाभुक भी उनके पीछे-पीछे वहां जा रहे हैं। यह मामला झारखंड के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड का है।

चोरांटी पहाड़ पर बैठे थे डीलर

बीते शनिवार को प्रखंड के घटहुआं कला, लमारी कला व पिपरडीह गांव के सैकड़ों लाभुक 3 से 5 किमी पैदल चलकर कांडी-मझिआंव मुख्य सड़क स्थित चोरांटी पहाड़ पर पहुंचे। वहां उनके गांव के डीलर ई पॉस मशीन लेकर अंगूठा लगवाने के लिए बैठे हुए थे। बारी-बारी से एक-एक कर अंगूठा लगवाया गया। सड़क से पूरब की ओर पहाड़ी पर घटहुआं कला के जन वितरण प्रणाली के दुकानदार कृष्णा प्रसाद साहु ई पॉस मशीन में अपने लाभुकों से अंगूठा लगवा रहे थे। राजा घटहुआं गांव निवासी सरजू पासवान व घटहुआं कला गांव निवासी अरुण गुप्ता, शंकर राम, सूचित कुमार, दिनेश कुमार सहित कई लोगों ने बताया कि गांव से 3 किमी दूर चोरांटी पहाड़ पर आकर राशन के लिए अंगूठा लगाया।

4 किमी पैदल चल रहे

पिपरडीह गांव के जन वितरण प्रणाली के दुकानदार विजय पांडेय मुख्य सड़क से पश्चिम की ओर चोरांटी पहाड़ी के श्रृंखला पर ई पॉश मशीन लेकर बैठे थे। यहां लाभुकों ने अंगूठा लगाया। लाभुक रामगती यादव, सच्चितानंद पांडेय, सुदेश राम, कलावती देवी, कल्पतिया देवी, रमेश यादव, पकड़ू रजवार, मिथिलेश कुमार, जिरमनिया देवी, तेतरी देवी सहित कई लाभुकों ने बताया कि 4 किलोमीटर दूर पैदल चलकर राशन के लिए अंगूठा लगाने पहुंचे हैं।

लाभुकों की ये शिकायत

लमारी गांव निवासी रामप्रवेश साव, सोमारू साह, राजदेव साव, शांति देवी, पार्वती देवी, सरोज देवी सहित दर्जनों महिलाएं और पुरुष डीलर की प्रतीक्षा कर रहे थे। उक्त सभी लाभुकों ने बताया कि 4 किलोमीटर दूर आकर हमलोग सुबह से ही इस पहाड़ पर बैठे हुए हैं। डीलर पति धर्मेंद्र पासवान बोलकर गए कि घर से खाना खाकर आ रहा हूं। दोपहर डेढ़ बजे तक डीलर नहीं पहुंचे थे।

ये है परेशानी

सरकार के आदेश के मुताबिक राशन लेने के लिए अंगूठा लगाना जरूरी है। कई बार ई पॉश मशीन में अंगूठा लगाने डीलर के पास लाभुक जाते हैं, तो पता चलता है कि नेटवर्क ही नहीं है। लाभुकों से अंगूठा लगवाने के लिए डीलर को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। नेटवर्क ढूंढते-ढूंढते डीलर पहाड़ और डैम पर जा रहे हैं।

लाभुकों की गुहार

उक्त गांव के लाभुकों ने कांडी प्रखंड विकास पदाधिकारी से मांग की है कि रजिस्टर मेंटेन कराकर ही राशन का वितरण कराया जाए। उन्‍होंने कहा कि हम मजदूरी कर अपना घर-परिवार चलाते हैं। अंगूठा लगाने के चक्कर में मजदूरी भी नहीं कर पा रहे हैं। महिलाओं को पहाड़ पर चढ़ने से पहले ही हाथ-पैर कांपते हैं। कई लोग किसी प्रकार ही पहाड़ पर चढ़ पाते हैं। यदि कोई पहाड़ चढ़ने-उतरने में गिर जाए तो अवश्य ही हाथ पैर टूट जाएगा।