रांची। अपना झारखंड आज 21 वर्ष का होकर पूर्ण यौवन पर है। सपनों और उम्मीदों के 21 वर्ष पूरे हुए संघर्ष और शहादत ने झारखंड को राज्य के रूप में बड़ी पहचान दिलाई। 15 नवंबर को धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती के साथ वर्ष 2000 में झारखंड गठन का सुखद संयोग बना। पिछले 21 वर्षों में अपने राज्य ने विकास और उपलब्धियों के कई कीर्तिमान गढ़े। बीहड़ जंगल, पहाड़ों तक विकास ने नई करवट ली। राज्य के सुदूर आदिवासी इलाके में भी बदलाव आया है। आधारभूत संरचना से लेकर कला-संस्कृति और खेल के क्षेत्र तक में झारखंड ने भारत के नक्शे पर जगह बनाई है। ऐसे बड़े 21 बदलावों की कहानी, बढ़ते-खुशहाल झारखंड की कहानी।
झारखंड स्थापना दिवस समारोह का आयोजन सोमवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार में होगा. मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन होंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भगवान बिरसा की जयंती के मौके पर खूंटी के उलीहातू में आयोजित समारोह में भी भाग लेंगे। मुख्यमंत्री कई नई परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। इसी दिन से राज्य में आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत भी होगी।
झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरी। देवघर में एम्स के साथ तीन सरकारी अस्पताल बने। राज्य में 15 निजी अस्पताल भी तैयार हुए हैं, जिसमें आधा दर्जन सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल हैं। सारंडा-सरयू की जंगलों में सड़कें पहुंचीं। रोड घनत्व 67.74 से बढ़कर 162.27 हुआ। पथ विभाग की 5400 किमी से बढ़ कर 12,936 किमी सड़क हो गईं। 11,500 किमी से अधिक सड़क का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और राइडिंग क्वालिटी में सुधार हुआ। 240 उच्चस्तरीय पुलों का निर्माण हुआ। ग्रामीण इलाकों में 2100 छोटे पुल-पुलिया बने। एनएच की 250 किमी सड़क फोरलेन की हुई। राज्य में 60 किमी सड़क सिक्स लेन की बनी। हर दिन मनरेगा से पांच लाख से ज्यादा को रोजगार मिल रहा है।
महिलाओं की भागीदारी रोजगार में 40 प्रतिशत से अधिक हुई। मनरेगा से करीब 16 लाख योजनाएं पूरी हुईं। 25 लाख से अधिक सखी मंडल की महिलाओं के माध्यम से दूसरी महिलाएं मजबूत हो रही हैं। झारखंड अलग राज्य बनने के पहले राज्य में कुल 11 ग्रिड सबस्टेशन थे। 21 वर्षों में कुल 39 ग्रिड सबस्टेशन हो गए हैं। झारखंड विधानसभा का नया भवन बना और ज्यूडिशियल अकादमी तैयार हुई। पलामू, दुमका व हजारीबाग में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हुआ।
दिल्ली में नए झारखंड भवन का निर्माण चल रहा है। राज्य में निवेश के लिए कुल एमओयू 161 हुए। अब तक कुल 11,3423 करोड़ निवेश किए गए। राज्य में इस समय सिंचाई क्षमता 32 फीसदी (राष्ट्रीय औसत 35.4 फीसदी) है, जो राज्य गठन के समय मात्र 14 फीसदी के आसपास थी। जल जीवन मिशन के तहत चालू वित्तीय वर्ष में हर घर में नल से जल पहुंचाने में झारखंड की प्रगति पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से बेहतर है।
रांची विवि से विभाजित कर कोल्हान विवि व नीलांबर-पीतांबर विवि की स्थापना हुई। अन्य कई इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले गए। हर साल आने वाले पर्यटकों की संख्या तीन करोड़ हुई। 130 से ज्यादा पर्यटक स्थलों का विकास किया जा रहा है। चतरा के इटखोरी में दुनिया का सबसे ऊंचा बौद्ध स्तूप बनाने की तैयारी है। डॉ रामदयाल मुंडा राजकीय कला भवन के जरिये सांस्कृतिक कौशल के विकास की कोशिश हो रही है।
रांची, जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो जैसे शहरों की तुलना में देवघर, हजारीबाग, रामगढ़ समेत अन्य शहरों में विकास की गति तेज हुई। राज्य गठन के समय झारखंड में प्रति व्यक्ति आय छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के मुकाबले काफी कम थी। वर्ष 2001 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 9,980 रुपए ही थी।
जनगणना आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 में झारखंड की प्रति व्यक्ति आय 21,734 रुपए हो गई। इसके अलावा झारखंड ने साहित्य, कला के क्षेत्र में काफी नाम कमाया। तीरंदाज दीपिका समेत बेटियों ने दुनियाभर में झारखंड का मान नए कीर्तिमान से बढ़ाया।