बिजली विभाग ने उपलब्‍ध कराया मीटर, डरे हुए हैं ग्रामीण

झारखंड मुख्य समाचार
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विवेक चौबे

गढ़वा। बिजली विभाग लोगों को घर में लगाने के लिए मीटर उपलब्‍ध कराया है। इसके बाद लोग डरे हुए हैं। यह मामला गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड के सोनपुरा गांव का है। दरअसल, गांव में अभी तक बिजली का कनेक्शन नहीं हुआ है। इसके बाद भी सभी घरों में विभाग के माध्यम से बिजली मीटर का वितरण कर दिया गया।

सोनपुरा गांव के लोग आजादी के 74 वर्ष बाद भी ढिबरी युग में जीने को मजबूर हैं। इस गांव में लागभग 225 घर हैं। सोनपुरा गांव बहुत ही खास रहा है। वर्ष, 1932 तक इस गांव में सोनपुरा स्टेट रहा है। आज भी स्टेट के अवशेष गांव में विद्यमान हैं। स्‍थानीय लोगों ने बताया कि आज तक गांव में बिजली का कनेक्शन नहीं हुआ है। छह माह पहले सभी घरों में लगाने के लिए बिजली मीटर उपलब्ध करा दिया गया है।

ग्रामीण संजय मेहता, सर्जकराज मेहता, शंकर मेहता, मुन्नी राम, सुरीष्ठ राम, अमित मेहता, रमन मेहता, उदय  शर्मा, मनोज मेहता, सुरेन्द्र पासवान, हिन्दराज कुमार मेहता सहित कई अन्य ने पंचायत के पूर्व मुखिया कृष्णा मेहता उर्फ बच्चू मेहता का घेराव कर बिजली उपलब्ध कराने की मांग की। उन्‍हें आशंका है कि कागज पर सोनपुरा गांव का विद्युतीकृत कर दिया गया होगा। सोनपुरा गांव में स्टार्लिंग व टाटा पावर के माध्यम से आधा अधूरा काम किया गया है। एलटी और 11 हजार का तार पोल का लगभग 50 प्रतिशत काम हो चुका है।

ग्रामीणों की मांग है कि सोनपुरा गांव को चंद्रपुरा बिजली फीडर से कनेक्शन किया जाए। उनका कहना है कि इस फीडर में बिजली की स्थिति ठीक ठाक रहती है। किसी भी कंपनी ने अभी तक इस तरफ ध्यान नहीं दिया। सोनपुरा जिले का कृषि बहुल अग्रणी गांव है। यहां के लगभग 85 प्रतिशत लोग पूर्ण रूप से कृषि पर निर्भर हैं। लोगों का मुख्य काम खेती किसानी ही है। लोग अधिक मात्रा में सब्जी, ईख, धान, गेंहू सहित अन्य फसल उगाते हैं। गांव में बिजली नहीं रहने से डीजल पंप के माध्यम से सिंचाई करनी पड़ रही है। आर्थिक दृष्टिकोण से काफी खर्चीला साबित हो रहा है।

लोगों का कहना है कि अगर बिजली उपलब्ध होती तो खेती करना आसान होता। बिजली नहीं रहने का दुष्प्रभाव बच्चों की शिक्षा पर भी पड़ रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि ने भी सोनपुरा गांव में बिजली पहुंचाने की ओर आज तक ध्यान नहीं दिया, जबकि कई बार इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है। प्रखंड स्तरीय जनप्रतिनिधि सहित कई समाजसेवी ने भी गांव के लोगों को ठगने का काम किया है।