घरों में हुई मां लक्ष्मी-श्रीगणेश की पूजा, आतिशबाजी से सजा आसमान

उत्तर प्रदेश देश धर्म/अध्यात्म
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अवनीश कुमार

फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)। गुरुवार को उल्लास के पर्व दीपोत्सव का रंग शाम होते ही नजर आने लगा। आतिशबाजी का शोर पिछले साल के मुकाबले कम सुनाई दिया। प्रतिबंध के बावजूद पटाखों की आवाज सुनाई देती रही। शाम ढलते ही घरों के बुजुर्ग महिलाओं ने रंगोली बनाकर घर के आंगन में बड़ा दीपक रखा। फिर उसके माध्यम से छोटे दीपक जलाकर प्रकाश से पूरे घर को रोशन किया। शाम को प्रदोष काल शुरू होने के साथ ही परिवार के साथ लोगों ने घरों में मां लक्ष्मी का आह्वान किया। मां लक्ष्मी के मंत्रों के साथ मां से समृद्धि की कामना की गई।

आतिशबाजी देर रात तक हुई

दक्षिणावर्तीं शंख, श्री यंत्र, गोमती चक्र, मां लक्ष्मी, कुबेर यंत्र, हल्दी की गांठ और नारियल के साथ मां का आह़वान किया गया। पूजन के बाद छोटों ने बड़ों के चरण छूकर आशीर्वाद लिया तो बड़ों ने खुशहाली की कामना की। कमल के फूलों के साथ मां लक्ष्मी को खील, खिलौने और मिष्ठान का भोग लगाया गया। एक दूसरे को प्रसाद बांट कर बधाई दी गई। शाम को घरों में पूजन का मुहूर्त शाम 5.50 बजे से शाम 7.50 बजे तक होने के चलते लोगों ने प्रथम पूज्य देव श्री गणेश और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की। शहर में हर ओर पूजन के साथ शुरू हुआ आतिशबाजी का दौर देर रात तक चलता रहा।

बंगाली समाज ने की काली पूजा

बंगाली समाज के लोगों ने देर रात मां काली आह्वान कर सिद्धि की कामना की। घसियारी मंडी के कालीबाड़ी मंदिर व रवींद्पल्ली के कालीबाड़ी मंदिर में शाम से ही पूजन शुरू हो गया। इस दौरान सिद्ध मंत्रों का जाप किया गया। काली बाड़ी मंदिर मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष गौतम भट्टाचार्य ने बताया कि देर रात पूजन के साथ दुर्गा पूजा पंडालों में मांकाली की पूजा की गई छावनी दुर्गा पूजा के कमेटी के निहार डे और बादशाह नगर दुर्गा पूजा कमेटी की प्रिया सिन्हा के आयोजन में पूजन हुआ। ट्रांस गोमती नगर दुर्गा पूजा कमेटी के तुहिन बनर्जी के आयोजन में पूजन हुआ।