एजी ऑफिस की गलती, सजा भुगत रही दिव्यांग बच्ची की मां और शिक्षाकर्मी की विधवा

झारखंड
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  • पेंशन के लिए दर-दर भटक रही है रंजनी कुमारी

रांची। महालेखाकार (झारखंड) कार्यालय ने गलती की। इसकी सजा शिक्षाकर्मी की विधवा भुगत रही है। इसके कारण वह पेंशन के लिए दर-दर भटक रही है। लगातार गुहार लगाने के बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। उसकी एक बच्ची दिव्यांग भी है।

रांची जिला के राहे प्रखंड की बारूडीह निवासी रंजनी कुमारी के पति स्व. ललित महतो राजकीयकृत उत्क्रमित विद्यालय, सोंस, चान्हो में लिपिक के पद पर कार्यरत थे। बस दुर्घटना में उनकी मृत्यु 9 फरवरी, 2021 को हो गई थी। उनकी दो छोटी बच्ची भी है। इसमें 1 बच्ची दिव्यांग है। पति की मृत्यु के बाद पीड़ित महिला की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है।

काफी मशक्कत के बाद उन्होंने मृत्यु सह सेवानिवृत्ति पेंशन, उपादान प्रस्ताव महालेखाकार (झारखंड, रांची) को विभाग द्वारा भेजा गया। उनकी मृत्यु सह सेवानिवृत्ति पेंशन/उपादान की स्वीकृति 26 अगस्त , 2021 को दी गई। हालांकि प्राधिकार पत्र रंजनी कुमारी के स्थान पर पंजनी कुमारी के नाम से निर्गत किया गया, जबकि जमा किये गये किसी भी दस्तावेज में पंजनी कुमारी नाम नहीं है। इनके कारण पेंशन आदि का भुगतान कोषागार द्वारा नहीं किया जा रहा है।

श्रीमती रंजनी कुमारी 15 सितंबर, 2021 को अपना नाम संशोधन के लिए आवेदन महालेखाकार को दे चुकी है। विभाग द्वारा भी महालेखाकार को पीपीओ एवं जीपीओ के नाम संशोधन प्रस्ताव भेजा गया है। हालांकि अभी तक पेंशन नहीं मिली है। वह दर दर भटकने को मजबूर है। सरकारी कर्मचारी की गलती की सजा एक असहाय विधवा महिला भुगत रही है।