टाटा स्‍टील के शावक नानावटी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट ने सफर के 100 वर्ष किए पूरे

झारखंड
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  • इंस्टीट्यूट का लक्ष्य भारत के कोर मैन्युफैक्चरिंग सेक्‍टर को मजबूत करना है

जमशेदपुर। टाटा स्‍टील के शावक नानावटी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (एसएनटीआई) द्वारा स्थापित एक विश्वस्तरीय शिक्षा केंद्र है। कंपनी की राष्ट्र-निर्माण विचारधारा पर निर्मित यह संस्थान आज विभिन्न कार्यक्रमों के साथ अपने  इस मील के पत्थर का शतकीय जश्न मना रहा है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मनाये गये इस जश्न में टाटा स्टील के वरीय प्रबंधन, टाटा वर्कर्स यूनियन (टीडब्ल्यूयू) के पदाधिकारी, एसएनटीआई एल्युमिनी और कंपनी के कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर आयोजित प्रमुख गतिविधियों में मुख्य अतिथि और टाटा स्टील के सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्रन और विशिष्ट अतिथि टाटा वर्कर्स यूनियन (टीडब्ल्यूयू) के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी द्वारा ई-हेरीटेज गैलरी एवं कॉफी टेबल बुक का विमोचन था। शतकीय जश्न में शिक्षा के इस प्रमुख संस्थान के क्रमिक विकास और कुशल व नियोजन-योग्य देसी कार्यबल तैयार करने में इसकी अपरिहार्य भूमिका को रेखाकित किया गया। इसके अलावा, यह भी प्रमुखता के साथ उभर कर आयी कि एसएनटीआई ने किस प्रकार हमारे राष्ट्र के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, उनकी सहयाक इकाइयों के साथ-साथ भारतीय व विदेशी कंपनियों को लाभांवित किया।

इस अवसर पर नरेंद्रन ने कहा, ‘यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि एसएनटीआई ने भारत में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की सदी पूरी कर ली है। इस उपलब्धि का जश्न मना रहा है। यह संस्थान टाटा स्टील की सफलता में लगातार योगदान दे रहा है। साथ ही, हमारे देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए कुशल कार्यबल तैयार करने में मदद कर रहा है। हमारी स्थापना के समय से ही, हमारी क्षमता विकास पहलकदमियों ने कुशल व टेक्नीकल मैनपॉवर के निर्माण के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण के कार्य में योगदान दिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे निरंतर विकसित होते बिजनेस लैंडस्केप की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए इनोवेशन एवं एजीलिटी के प्रति कटिबद्ध एसएनटीआई नये मानदंडों को स्थापित करना और स्टील उद्योग में अर्थपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा।‘

टीडब्ल्यूयू के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने कहा, ‘मैं सौ साल के इस मील के पत्थर को हासिल करने पर एसएनटीआई को हार्दिक बधाई देता हूं। एसएनटीआई ने हजारों युवाओं और हमारे वर्तमान सहकर्मियों को कुशल बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। संस्थान द्वारा प्रशिक्षित कई लोग न केवल कंपनी के शीर्ष पदों पर पहुंचे, बल्कि टाटा वर्कर्स यूनियन में भी उच्च पदों पर रहे। मैं एसएनटीआई और उसके प्रशिक्षकों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं कि उन्होंने हमें व्यापार, पेशागत, अनुशासनात्मक और इन सबसे बढ़ कर कार्य संबंधी सभी अच्छी नैतिकता सिखाने के साथ हम सभी के जीवन में रचनात्मक भूमिका निभाई है।‘

प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सेवाएं देने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता के साथ देसी कार्यबल को तैयार करने के विजन के साथ एसएनटीआई का जन्म हुआ था। 1921 में इसे जमशेदपुर टेक्नीकल इंस्टीट्यूट के नाम से प्रसिद्ध वर्तमान एसएनटीआई निरंतर नियोजन-योग्य कार्यबल का निर्माण करने में जुटा है। नवाचार और डिजिटल हस्तक्षेपों के उपयोग के द्वारा एसएनटीआई संभावित व मौजूदा कर्मचारियों के अपस्किलिंग, रिस्किलिंग और स्किल डेवलपमेंट के लिए अपने आप को एक प्रमुख संस्थान के रूप में स्थापित किया है। यह सुविधा टाटा स्टील की सहायक कंपनियों, समूह की कंपनियों तक और अधिक-से-अधिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्मो का अपना कर टाटा स्टील के अंतरराष्ट्रीय पार्टनरों तक भी विस्तारित की गयी है। डिजि-शाला जैसी नये प्लेटफॉर्म अपना कर एसएनटीआई ने अपने लर्निंग व डेवलमेंट कोर्स को अधिक-से-अधिक लोगों तक व्यापक किया है। 

कंपनी के परिचालन क्षेत्रों एवं इसके आसपास रहने वाले युवाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से नियोजन-योग्य बनाने के लक्ष्य के साथ एसएनटीआई ने 2015 में जेएन टाटा वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (जेएनटीवीटीआई) की भी स्थापना की है। जेएनटीवीटीआई ने अब तक पांच हजार से अधिक विद्यार्थियों को टाटा स्टील से संबद्ध विभिन्न कंपनियों में नियोजित किया है।