लखनऊ। लखनऊ पुलिस कमिश्नरी के डीसीपी पूर्वी लखनऊ की क्राइम ब्रांच में तैनात आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ काकादेव थाना कानपुर में डकैती समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है।
आरोप है कि बीबीए छात्र, उसके मामा व दोस्तों को उठाकर फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देकर 40 लाख रुपये वसूले थे। दबिश के दौरान घर से जेवरात भी लूट ले गए थे। शिकायत होने पर तीनों के खिलाफ गोमती नगर थाने में जुआ अधिनियम में एफआईआर दर्ज करके जेल भेजा था।कानपुर और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में सुनवाई नहीं होने पर पीड़ित ने कोर्ट की मदद से आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
कानपुर स्थित शास्त्री नगर के रहने वाले मयंक बीबीए की पढ़ाई कर रहे हैं। मयंक के मुताबिक, 24 जनवरी 2021 की शाम अपने दोस्त जमशेद व आकाश गोयल के साथ काकादेव में चाय पी रहे थे।आरोप है कि पुलिसकर्मी मयंक व आकाश गोयल को वहां से कार में उठा ले गए। लखनऊ कैंट थाने में मारा पीटा। फिर यहां से हजरतगंज में मयंक के मामा के घर जाकर दुर्गा सिंह को उठा लिया। फिर कोचिंग संचालक शमशाद को लेकर कैंट थाने आते हैं।
टॉर्चर करने के बाद 25 जनवरी के तड़के करीब साढ़े तीन बजे इन सभी को लेकर पुलिसकर्मी मयंक के घर पर दबिश देते हैं।आरोप है यहां से तीस हजार रुपये की नकदी व एक हार का सेट ले जाते हैं। इसके बाद फिर वे सभी लखनऊ चले जाते हैं। पीड़ितों के मुताबिक, घर में डाका डालने के बाद बाद में मयंक के परिवार वालों से आरोपी पुलिस वालेछोड़ने के बदले में 1 करोड़ रुपये की मांग की थी। इसके बाद 40 लाख रुपये में सेटलमेंट की बात तय होती है। उसी दिन सुबह परमट चौराहे पर पुलिसकर्मी यह रकम लेते हैं।
पीड़िता का आरोप है कि जब इसकी शिकायत तत्कालीन डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह से की जाती है तो इसकी भनक आरोपी पुलिसकर्मियों को लगती है, जिसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी साजिश के तहत दुर्गा सिंह, मयंक सिंह, शमशाद अहमद, मुस्ताक, आकाश गोयल पर गोमती नगर जुआ अधिनियम के तहत केस दर्ज करवाकर 23 लाख रुपये की रिकवरी दिखाते हैं।
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दरोगा रजनीश वर्मा, सिपाही देवकी नंदन, संदीप शर्मा, नरेंद्र बहादुर सिंह, राम निवास शुक्ला, आनंद मणि सिंह, अमित लखेड़ा व रिंकू सिंह पर डकैती, धमकी देने, गाली गलौज करने समेत अन्य गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज किया है। एफआईआर दर्ज करने के बाद काकादेव इंस्पेक्टर ने मामले की जांच शुरू कर दी है।