पटना। कोसी-सीमांचल व पूर्व बिहार के जिलों में डूबने से 19 से अधिक लोगों की मौत हो गई। नदी व तालाबों में गहरे पानी में फिसलने से सभी घटनाएं घटीं। मरने वालों में बच्चों की संख्या ज्यादा है। सहरसा में डूबने से तीन व दंड प्रणाम के दौरान सीने में दर्द से एक सहित कुल चार श्रद्धालुओं की जान चली गई।
खगड़िया में भी विभिन्न जगहों पर चार लोगों की डूबने से मौत हो गई। अररिया में विभिन्न छठ घाटों के निर्माण व छठ पर्व के दौरान डूबने से तीन लोगों की मौत की सूचना है। सुपौल में दो लोगों की मौत हुई। पूर्णिया, मधेपुरा व लखीसराय, भागलपुर के नाथनगर में एक-एक की जान गई। वहीं अन्य जिलों में भी डूबने से मौत की सूचना है। छठ के दूसरे दिन सुबह की अर्घ्य के बाद सकरी स्थित बघुलिया पोखर में दो चचेरे भाइयों की डूबने से मौत हो गई। घटना गुरुवार की सुबह साढ़े सात बजे की बताई गई है।
मृतकों में एक लालबाबू राय का पुत्र शिवम राज (11) और दूसरा अवधेश राय का इकलौता पुत्र विकास कुमार (12) है। शिवम राज के पिता लालबाबू जोधपुर में सेना के जवान हैं। अवधेश राय पेशे से किसान हैं। जानकारी मिलने के बाद से पूरे गांव में मातम पसर गया। सुबह का अर्घ्य होने के बाद दोनों घरों के लोग अपने घर को लौट गए थे। इसी बीच घरवालों से नजर बचा दोनों चचेरे भाई शिवम राज व विकास फिर से पोखर पर चले गए। पहले शिवम राज विसर्जित हाथी को निकालने के लिए बीच पोखर में चला गया। हाथी निकालने के क्रम में वह गहरे पानी में डूब गया। शिवम राज को डूबता देख विकास उसे बचाने के लिए गया, लेकिन विकास भी डूब गया। इससे दोनों भाइयों की मौत हो गई।
घटना की खबर मिलने पर सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ पोखर पर जुट गई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। समस्तीपुर जिले में अलग-अलग स्थानों पर डूबने से बालक समेत तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं एक लापता बताया जाता है। जानकारी के अनुसार बिथान थाना क्षेत्र बिथान गांव के पोखर स्थित छठ घाट पर बुधवार को गांव के ही उमेश दास (50) छठ घाट की सफाई के दौरान डूब गए।
जब तक लोगों को घटना की जानकारी मिलती उसकी मौत हो चुकी थी। ग्रामीण गोताखोर की मदद से महाजाल गिरा कर लगभग एक घंटे के बाद शव को तालाब से निकाला गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है।