दिल्ली। भारत के इतिहास में वैसे तो हर दिन का अपना अलग महत्व है। 14 नवंबर का दिन इसलिए खास है क्योंकि यह बच्चों के लिए समर्पित है और इस दिन को बाल दिवस के तौर पर जाना जाता है।
14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था और उनका बच्चों से अलग तरह का लगाव था। वे कहा करते थे कि बच्चे आने वाले कल का भविष्य है। बच्चों के साथ किसी तरह की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। इसलिए बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर की तारीख बाल दिवस के तौर पर तय की थी। लेकिन 1964 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद 20 नवंबर से बदल कर 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने की घोषणा की गई। इस खास दिन पर बच्चों के लिए स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बाल दिवस पर आप अपने बच्चों में ये पांच अच्छी आदतें डालने की कोशिश करें।
* सही और गलत का फर्क कैसे करें*
बच्चों को ये समझाना बहुत जरूरी है कि क्या सही है और क्या गलत। इससे बच्चे में फैसले लेने की क्षमता का विकास होगा। बच्चे में ये गुण आ जाता है तो वो खुद से ही कभी कुछ गलत नहीं करेगा न ही किसी और के साथ गलत व्यवहार करेगा, इस बात की भी सीख देनी है कि वो किसी भी बात पर तुरंत गुस्सा न करे, उसे धैर्य रखना सिखाना भी माता-पिता का ही काम है।
* शेयरिंग करना जरूर सिखाएं*
बच्चों को बिल्कुल शुरुआत से ही शेयरिंग करना जरूर सिखाएं। अगर बच्चा शेयरिंग करना सीखता है तो वो दूसरों की भावनाओं और आवश्यकताओं का भी ध्यान रखना सीखता है, इससे दूसरों के साथ उसके रिश्तों में मजबूती आएगी।
* दूसरों की हेल्प करना सिखाएं*
अगर उनके आप-पास कोई किसी तरह से परेशान है या किसी मुश्किल में है तो उनकी मदद करने की सीख बच्चे को दें। घर से ही इसकी शुरुआत करनी चाहिए, घर में बच्चा अपने भाई-बहनों, माता-पिता की मदद करे तो ही वो बाहर भी ऐसा करेगा।
* बड़ों से बात करने का सलीका*
बच्चों को ये बताना बेहद जरूरी होता है कि उसे अपने बड़ों से कैसे बात करनी है। उसे बड़ों के साथ शिष्टाचार में रहकर बात करना और हमेशा उन्हें सम्मान देना सिखाएं। बड़ों की बात न काटना, उनके आदेशों का पालन करना ये सबक बच्चे को दें।