झारखंड में जेई, एमवीआई, खान निरीक्षक की नियुक्ति के लिए अब सिर्फ देनी होगी मुख्य परीक्षा

झारखंड
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रांची। झारखंड में कनीय अभियंताओं, मोटरयान निरीक्षक, खान निरीक्षक सहित अन्य पदों के लिए दो चरणों में ली जाने वाली परीक्षा से प्रारंभिक परीक्षा हटा दी गई है। अब राज्य में सिर्फ एक चरण में मुख्य परीक्षा के आधार पर इन पदों पर नियुक्ति होगी। कार्मिक विभाग की ओर से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा (डिप्लोमा, तकनीकी एवं अन्य विशिष्ट योग्यता स्तर) (संशोधन) नियमावली 2021 में यह प्रावधान किया गया है।

मंत्रिपरिषद के फैसले के बाद कार्मिक विभाग ने संशोधित नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही राज्य में नई नियुक्तियों के भी रास्ते खुल गए हैं। नई नियुक्तियों के लिए अधियाचना अब पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग सहित सभी वक्र्स विभाग की ओर से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेजे जाएंगे।

जारी अधिसूचना के अनुसार मुख्य परीक्षा में दो पत्र होंगे। इसमें सामान्य अभियांत्रिकी के पत्र-1 में 120 प्रश्न व अभियंत्रिकी में 120 प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा दो घंटे की होगी। प्रश्न का स्तर डिप्लोमा स्तर का होगा। परीक्षा में चयन के लिए कोटिवार न्यूनतम अहर्तांक में भी बदलाव किया गया है। कार्मिक विभाग ने परीक्षा के लिए सिलेबस भी तय किए हैं।

जारी नियमावली के अनुसार परीक्षा में आवेदन के लिए न्यूनतम अर्हता नियमावली की अनुसूची-1 के पदों के लिए केंद्र व राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान अथवा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान से सिविल, विद्युत, यांत्रिक, कृषि अथवा संबंधित अभियांत्रिक में डिप्लोमा की उपाधि हो। उच्च तकनीकी योग्यताधारी भी आवेदन के पात्र होंगे। इन अनिवार्य योग्यताओं के अतिरिक्त अभ्यर्थियों को मैट्रिक, 10वीं कक्षा झारखंड राज्य के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थी को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना अनिवार्य किया गया है। लेकिन यह नियम झारखंड राज्य की आरक्षण नीति से आच्छादित अभ्यर्थियों पर लागू नहीं होगी, उन्हें इससे छूट दी गई है।

संशोधन के अनुसार मेधा सूची में एक से अधिक उम्मीदवारों को प्राप्तांक समान रहने पर मेधा का निर्धारण उम्मीदवारों की जन्म तिथि के आधार पर किया जाएगा। साथ ही जिन अभ्यर्थियों की उम्र ज्यादा होगी, उन्हें अपेक्षाकृत ऊपर स्थान मिलेगा। यदि एक से अधिक उम्मीदवारों के प्राप्तांक और जन्म तिथि समान पायी जाती है, तो ऐसी स्थिति में उनके डिप्लोमा, तकनीकी एवं अन्य विशिष्ट योग्यता परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर वरीयता का निर्धारण किया जाएगा।

इसका अर्थ यह है कि डिप्लोमा, तकनीकी एवं अन्य विशिष्ट योग्यता परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को मेधाक्रम में ऊपर रखा जाएगा। आयोग अंतिम रूप से सफल अभ्यर्थियों की पात्रता, अहर्ता की जांच के बाद ही सरकार को नियुक्ति की अनुशंसा करेगा।

कनीय अभियंता सिविल, कनीय अभियंता यांत्रिकी, कनीय अभियंता विद्युत, कनीय अभियंता कृषि अभियंत्रण, मोटरयान निरीक्षक और खान निरीक्षक पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। वहीं लेबोरेट्री असिस्टेंट, लेबोरेट्री, अटैंडेंट, फार्मासिस्ट, एक्स-रे-तकनीयिशन, आप्थेल्मिक सहायक और प्रयोगशाला तकनीशियन पद पर भी बहाली होगी।

न्यूनतम अहर्तांक में अनारक्षित-40 प्रतिशत, एसटी, एससी एवं महिला-32, अत्यंत पिछड़ा वर्ग अनु-1-34, पिछड़ा वर्ग अनु-2-36.5, आदिम जनजाति समूह-30 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग-40 प्रतिशत रहेंगी।