रांची। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति एवं मजदूर यूनियनों की संयुक्त बैठक झारखंड राज्य किसान सभा कार्यालय में प्रकाश विप्लव की अध्यक्षता में 20 नवंबर को हुईं। मौके पर 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर रांची के शहीद चौक से झारखंड राजभवन तक किसान-मजदूर मार्च निकालने का निर्णय लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों कृषि कानून रद्द करने की घोषणा का स्वागत किया गया। संसद सत्र में कृषि कानून रद्द होने एवं किसानों के फसलों का एमएसपी का कानून बनने, लेबर कोड, बिजली बिल की वापसी तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया। मांगों में झारखंड में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का रक्षा कवच मजबूत करने, लैंड पुल खत्म करने, धान क्रय केंद्रों में धान खरीद की गारंटी करना भी शामिल होगा।

बैठक में झारखंड राज्य किसान सभा के महासचिव सुरजीत सिन्हा, उपाध्यक्ष सुफल महतो, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव महेन्द्र पाठक, अजय सिंह, किसान महासभा के भुवनेश्वर केवट, किसान संग्राम समिति के सुशांतो मुखर्जी, राजद किसान सेल के राजेश यादव, किसान-खेत मजदूर यूनियन नेता विमल दास, सीटू महासचिव प्रकाश विप्लव, कोषाध्यक्ष अनिर्बान बोस, बेफी महासचिव एमएल सिंह, बेफी नेता कनक रंजन, एटक महासचिव पीके गांगुली, आदिवासी अधिकार मंच के प्रफुल्ल लिंडा, मजदूर नेता मिंटू पासवान, डीवाइएफआइ के सुरेश मुंडा आदि उपस्थित थे।