पापा ने पपी को छोड़ने को कहा तो 12 साल की बच्ची ने छोड़ा घर

मध्य प्रदेश
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इंदौर। मध्य प्रदेश में 12 साल की बच्ची ने अपने पपी के लिए घर छोड़ दिया। उसने 6 महीने पहले गुल्लक तोड़कर 5 हजार रुपए निकाले और डॉगी खरीदकर लाई थी।

माता-पिता ने पपी को छोड़ने के लिए कहा तो बच्ची नाराज होकर पपी के साथ धार से इंदौर आ गई। इंदौर के गंगवाल बस स्टैंड पर उसे कॉन्स्टेबल सुलतान सिंह राणा और जोगेश लश्करी ने रोते हुए देखा। जब कॉन्स्टेबल ने बच्चे से पूछा तो उसने बताया कि वह धार की रहने वाली है और छठी में पढ़ती है। माता-पिता के डांटने पर वह घर से भाग आई है। बच्ची की गोद में लैब्राडोर भी था। इसके बाद कॉन्स्टेबल बच्ची को थाने लेकर आए। मोबाइल नंबर बताने पर उसके पिता को फोन कर बुलाया गया।

बच्ची ने बताया कि उसे डॉगी से बहुत प्यार है, वह उसके साथ दिन भर खेलती थी। पपी घर में गंदा करता था तो माता-पिता नाराज होते थे। पिता ने पपी को छोड़ने के लिए कहा, लेकिन वह उसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। इसलिए वह पपी को लेकर धार से इंदौर की बस में बैठ गई थी। बस वाले ने उससे किराया भी नहीं लिया। इस बारे में बच्ची के पिता बसंत शर्मा ने कहा कि वह धार में कपड़े की दुकान पर काम करते हैं। उन्हें भी नहीं पता कि बच्ची घर से कब निकल गई। अचानक थाने से फोन गया, तब पता चला।

थाने में महिला सिपाही साधना ने बच्ची काे समझाया, बच्ची ने कहा कि वह उसे साथ रखना चाहती है। पपी के प्रति बच्ची का प्यार देखकर पिता भी पपी को रखने के लिए राजी हो गए और बच्ची को साथ लेकर घर निकल गए।