नई दिल्ली। देश के पावर प्लांटों में कोयले का संकट की बात सामने आ रही है। कोयले की कमी के कारण कई राज्यों में पावर प्लांटों की कुछ इकाईयां बंद हो गई है। बिजली उत्पादन ठप पड़ गया है। इन हालातों के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले की तरह कोयले का 17 दिन का स्टॉक नहीं है, लेकिन 4 दिन का स्टॉक है। कोयले की ये स्थिति इसलिए है, क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है। हमने आयात कम किया है। हमें कोयले की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी है। हम इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज्यादा का औसतन स्टॉक है। हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है। कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया।
केंद्रीय मंत्री ने 10 अक्टूबर को सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी। बैठक में गेल के भी सीएमडी आए थे। उन्हें कहा गया है कि कांट्रैक्ट बंद हो या नहीं, गैस के स्टेशन को जितनी गैस की जरूरत है, उतनी गैस आप देंगे।
मंत्री ने कहा कि बिना आधार के ये पैनिक इसलिए हुआ, क्योंकि गेल ने दिल्ली के डिस्कॉम को एक मैसेज भेज दिया कि वो बवाना के गैस स्टेशन को गैस देने की कार्रवाई एक या दो दिन बाद बंद करेगा। वो मैसेज इसलिए भेजा क्योंकि उसका कांट्रैक्ट समाप्त हो रहा है।
उधर, ऊजा मंत्रालय ने कोयले के स्टॉक पर कहा है कि 7 अक्टूबर, 2021 को कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रेषण 1.501 मीट्रिक टन तक पहुंच गया। इससे खपत और वास्तविक आपूर्ति के बीच का अंतर कम हो गया। कोयला मंत्रालय और सीआईएल ने आश्वासन दिया है कि वे अगले तीन दिनों में बिजली क्षेत्र में कोयले के प्रेषण को बढ़ाकर 1.6 मीट्रिक टन प्रति दिन करने के लिए सर्वोत्तम प्रयास कर रहे हैं। उसके बाद इसे प्रति दिन 1.7 मीट्रिक टन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
इससे निकट भविष्य में बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में क्रमिक वृद्धि करने में सहायता मिलने की संभावना है। साथ ही कोयले की आपूर्ति के साथ-साथ बिजली की स्थिति में भी सुधार होने की संभावना है।