मुंबई। आयकर विभाग ने मुंबई के दो रियल एस्टेट व्यापार समूहों और उनसे जुड़े कुछ व्यक्तियों एवं इकाइयों के खिलाफ तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। तलाशी अभियान मुंबई, पुणे, बारामती, गोवा एवं जयपुर में फैले दोनों कंपनियों के लगभग 70 परिसरों में चलाया गया।
तलाशी के दौरान जुटाए गए सबूतों से प्रथम दृष्टया कई बेहिसाबी और बेनामी लेनदेन का खुलासा हुआ है। दोनों व्यापार समूहों की लगभग 184 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय से जुड़े अपराध सिद्ध करने वाले दस्तावेज बरामद किए गए।
छापेमारी से इन व्यापारिक समूहों द्वारा कई कंपनियों के साथ लेन-देन का पता चला है, जो प्रथम दृष्टया संदिग्ध प्रतीत होता है। निधियों के प्रवाह के प्रारंभिक विश्लेषण से संकेत मिलता है कि फर्जी शेयर प्रीमियम पेश करने, संदिग्ध असुरक्षित ऋण, कुछ सेवाओं के लिए अप्रमाणित अग्रिम की प्राप्ति, फर्जी विवादों से मिलीभगत वाले मध्यस्थता सौदों जैसे विभिन्न संदिग्ध तरीकों के माध्यम से समूह में बेहिसाब धन लाया गया। यह भी पाया गया कि धन का यह संदिग्ध प्रवाह महाराष्ट्र के एक प्रभावशाली परिवार की मिलीभगत से हुआ है।
संदिग्ध तरीके से जुटाई गई धनराशि का उपयोग विभिन्न संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए किया गया जैसे मुंबई के एक प्रमुख इलाके में कार्यालय भवन, दिल्ली के एक महंगे इलाके में फ्लैट, गोवा में रिसॉर्ट, महाराष्ट्र में कृषि भूमि और चीनी मिलों में निवेश। इन संपत्तियों का कुल बाजार मूल्य करीब 170 करोड़ रुपये है।
छापेमारी में 2.13 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और 4.32 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं। तलाशी अभियान 7 अक्टूबर, 21 को शुरू हुआ। मामले में जांच की जा रही है।