रांची। प्रोन्नति पर लगी रोक हटाने के लिए अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य स्थापना दिवस तक का अल्टीमेटम दिया है। इस अवधि तक इस मामले में कदम नहीं उठाये जाने पर आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। शिक्षकों को उत्क्रमित वेतनमान और बांचिंग देने की मांग पर संघ के सदस्य वित्त सचिव से मिलेंगे। यह निर्णय संघ की 3 अक्टूबर को राज्य कार्यकारिणी की रांची कचहरी परिसर स्थित शिक्षा परिसर में हुई बैठक में लिया गया। इसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे ने की।
मध्य विद्यालय प्रधानाध्यक विहीन
संघ के सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कर्मियों की प्रोन्नति रोक लगा दी गई है। इसके कारण शिक्षकों की प्रोन्नति नहीं हो पा रही है। इससे शिक्षकों में आक्रोश है। साथ ही, 96 प्रतिशत मध्य विद्यालय प्रधानाध्यक विहीन हो गये हैं। स्कूलों को हेडमास्टर नहीं मिल पा रहे हैं। इसी प्रकार स्नातक प्रशिक्षित विषय आधारित शिक्षकों के 56 प्रतिशत पद आज भी रिक्त पड़े हुए हैं।
शिक्षक सड़क पर उतरेंगे
सदस्यों ने बैठक के माध्यम से सरकार से राज्य स्थापना दिवस तक प्रोन्नति पर लगी रोक को हटाने की मांग की। इस समय तक रोक नहीं हटाए जाने पर संघ आंदोलन की घोषणा करेगा। इसमें राज्य भर के शिक्षक सड़क पर उतरेंगे। ज्ञात हो कि दिसंबर, 2020 से ही प्रोन्नति पर रोक लगाई गई है।
वरीयता सूची नहीं बन रही
सदस्यों ने कहा कि विभागीय स्तर से निर्देश के बावजूद जिलों में प्रोन्नति के निमित आंतरिक तैयारी कार्य के लिए शिक्षकों की वरीयता सूची बनाने का काम भी अब तक शुरू नहीं किया गया है। जिलों में वरीयता सूची 15 नवंबर तक तैयार नहीं होने पर भी आंदोलन का रूख अपनाना होगा।
बैठक में ये भी थे मौजूद
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष बिजेंदर चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद, असदुल्लाह, अनूप केसरी, राकेश कुमार, हरे कृष्ण चौधरी, संतोष कुमार, रमेश प्रसाद, श्रीकांत कुमार, अवधेश कुमार, अजय कुमार, संजय कुमार सिंह, कृष्णा शर्मा, सच्चिदानन्द सिंह, प्रवीण कुमार, प्रकाश कुमार अग्रवाल, विपिन कुमार सिंह, विकास कुमार, दुखू नायक, सुनील कुमार यादव, सरोज कुमार, अनिल कुमार प्रसाद, रामचंद्र खैरवार, सुरंजन कुमार, एरियल संजय कंडुलना, सलीम सहाय, संजय साहू, मिस्बाहुल अफसरुद्दीन आदि उपस्थित थे।
बैठक में ये निर्णय भी लिये गये
उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में विसंगतिपूर्ण प्रभारी बनाये गये हैं। विभागीय सचिव से इसे वापस ले।
शिक्षकों के लिए एमएसीपी की व्यवस्था बहाल करने की मांग भी सरकार से करने का निर्णय लिया गया।
निजी मोबाइल का विभागीय उपयोग किये जाने पर शिक्षकों ने आपत्ति जताई। इसके लिए सरकार से विद्यालयों के खराब टैब की मरम्मत कराने की मांग की गई।
मध्याह्न भोजन योजना और विकास अनुदान की राशि विद्यालयों में अनुपलब्ध रहते हुए भी सभी कार्यों को शिक्षकों के व्यक्तिगत राशि से कराने के विभाग के दवाब का पूरजोर विरोध करने का निर्णय लिया गया।
संघ का सदस्यता अभियान जिला इकाइयों द्वारा 15 नवंबर तक पूरा करते हुए प्रखंड कमेटियों का पुनर्गठन कराने का निर्णय लिया गया।
संघ की राज्य कार्यकारिणी की अगली बैठक 21 नवंबर को जिला, प्रमंडल और राज्य स्तरीय संघीय चुनाव की तिथि निर्धारित की जाएगी।
उर्दू शिक्षकों का योजना से गैर योजना में मद में परिवर्तन करने और शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन की जाएगी।