नई दिल्ली। बड़ी खबर दिल्ली से आ रही है। खबर ये है कि दो गुटों में बंटी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। चुनाव आयोग ने लोकजनशक्ति पार्टी के दोनों गुटों को अलग-अलग पार्टी के तौर पर मंजूरी दे दी है।
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने पुराना नाम और चुनाव चिह्न भी खत्म कर दिया है। आयोग ने चिराग पासवान के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नया नाम लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) दिया है और चुनाव चिह्न हेलीकॉप्टर आवंटित किया है। वहीं, उनके चाचा पशुपति पारस को राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी और सिलाई मशीन चुनाव चिह्न प्रदान किया गया है।
यहां बता दें कि एलजेपी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी में दो गुट हो गया था। राम विलास के बेटे चिराग पासवान अकेले पड़ गए थे। वहीं, बाकी सांसद उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ चले गये थे। पार्टी के सिंबल को लेकर चाचा-भतीजा के बीच लगातार तनातनी का माहौल बना हुआ था।
दोनों नेताओं की ओर से पार्टी के चिह्न को लेकर दावा किया जा रहा था। लगातार इसको लेकर सियासत हो रही थी।