नई दिल्ली। तालिबान ने काबुल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर मोहम्मद उस्मान बाबुरी को उनके पद से हटा दिया है। इसके विरोध में बाद प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर सहित यूनिवर्सिटी के करीब 70 टीचिंग स्टाफ ने इस्तीफा दे दिया।
पीएचडी होल्डर बाबुरी की जगह महज स्नातक की डिग्री पाए मोहम्मद अशरफ गैरत को वाइस चांसलर बनाया गया है। गैरत की नियुक्ति के बाद से ही इसके खिलाफ आवाजें उठने लगीं। कई लोगों ने गैरत के बीते साल किए कुछ ट्वीट्स भी शेयर करने शुरू कर दिए हैं, जिसमें पत्रकारों की हत्या को जायज ठहराया गया था। पिछली सरकार में गैरत शिक्षा मंत्रालय में काम कर रहे थे। सोमवार को तालिबान ने आधिकारिक तौर पर पूर्व अफगान राष्ट्रपति और देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के संस्थापक बुरहानुद्दीन रब्बानी के नाम पर बनी यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर काबुल एजुकेशन यूनिवर्सिटी कर दिया था।
साल 2009 में अपने घर पर हुए एक आत्मघाती हमले में बुरहानुद्दीन रब्बानी के मारे जाने के बाद इस यूनिवर्सिटी को उनका नाम दिया गया था।