नक्सल प्रभावित झारखंड के इस गांव की ऐसे बदली पहचान

झारखंड
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खूंटी। झारखंड के खूंटी जिले का केलो गांव। कभी नक्‍सल गतिविधियों की वजह से लोग इसे जानते थे। अब सजावट की सामग्री निर्माण के लिए जाना जाने लगा है। यहां 12 महिलाओं की टीम बांस से आकर्षक सजावट की सामग्री बना रही है। आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन रही हैं। दर्जनों महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराकर उन्‍हें आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है।

नक्सल प्रभावित रनिया प्रखंड की जयपुर पंचायत के केलो गांव में बांस से विभिन्न प्रकार के आकर्षक सजावट सामग्री बनाकर मीरा देवी अपना और गांव का भविष्य संवारने में जुटी हैं। मीरा देवी अपनी 12 महिलाओं की टीम के साथ बांस से आकर्षक सजावट की सामग्री बनाकर आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन रही हैं। दर्जनों महिलाओं को भी रोजगार भी मुहैया करा रही है। उन्‍हें आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है।

यहां पहले लोग घर की दहलीज के अंदर टोकरी, झोड़ी, सूप, श्रृंगार सहित कई सामग्री बनाकर स्थानीय बाजार में बेच कर अपनी रोजी रोटी चलाते थे। वर्तमान में आधुनिक तरीके से बांस द्वारा लालटेन लैम्प, लैंप ब्लॉक, पेंसिल बॉक्स, पेन स्टैंड सहित कई आकर्षक सजावट सामग्रियां बनाकर बेचने का काम करने लगे हैं। महिला विकास केंद्र तोरपा और जेएसएलपीएस के सहयोग से तस्वीर अब बदलने लगी है।

शुरुआत में केलो गांव में महिलाएं संगठित नहीं थीं। महिला विकास केंद्र और आंध्र प्रदेश की टीम ने केलो गांव में महिला समूह बनाने में मदद की। महिला समूह में बचत और बैंक ऋण की सारी प्रक्रिया समझाया गया। इसके बाद बैंक की मदद से वे बकरी पालन, मुर्गी पालन, सब्जी खेती और बांस आधारित उत्पाद मीरा के सहयोग से बनाने लगीं।