- चार प्रखंडों में अब तक 12 सौ महिला जुड़ चुकी है इसकी खेती से
दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका में की ग्रामीण महिलाएं लेमन ग्रास की खेती कर आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही है। झारखंड राज्य आजीविका संवर्द्धन संस्थान (jslps) के तत्वावधान में संचालित जोहार परियोजना अंतर्गत जिले के चार प्रखंड दुमका शिकारीपाड़ा, मसलिया, सदर और रामगढ़ प्रखंड में इसकी खेती हो रही है।
उत्पादक समूह बनाकर जोड़ा गया
जोहार परियोजना अंतर्गत के सखी मंडल की महिलाओं को औषधीय पौधों की खेती के लिए उत्पादक समूह बना कर इससे जोड़ा गया है, जिसमें लेमन ग्रास की खेती भी प्रमुख है। दुमका के 4 प्रखंडों में अब तक 1200 सखी मंडल की दीदी लेमन ग्रास गतिविधि से जुड़ चुकी हैं। लेमन ग्रास की खेती के जरिए अच्छी आमदनी कर रही है। महिलाओं द्वारा निर्मित संथाल परगना महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (SPMPCL) इसके व्यपार की गतिविधियों में मदद कर रही है।
महिलाओं ने अनुभव किया साझा
मसलिया प्रखंड के झिलुआ आजीविका उत्पादक समूह की सुमित्रा दत्ता ने अपने 20 डिसिमल जमीन में पहली बार लेमन ग्रास की खेती शुरू की। उन्होंने कहा, ‘मैंने तो कभी लेमन ग्रास का नाम तक नहीं सुना था। अब इससे होने वाले फायदे को जानने के बाद हम दूसरों को भी लेमन ग्रास की खेती करने की सलाह देते हैं। जोहार परियोजना के मद से 4,750 रुपये की सहायता सभी इच्छुक लाभुकों को प्रदान की गई है। इसके जरिये लेमन ग्रास की खेती की जा रही है। बंजर भूमि पर सोने की तरह कमाई कराती है। लेमन ग्रास और बंजर भूमि का व्यवसायिक उपयोग भी अब जोहार परियोजना के माध्यम से होने लगा है। जोहार परियोजना के तहत हम लोगों को प्रशिक्षण मिला। मैंने इसी साल जनवरी में लेमन ग्रास खेती की शुरुआत की थी। लॉकडाउन के बावजूद अब तक करीब 50 हजार की कमाई सिर्फ लेमन ग्रास की स्लिप बेचकर हुई है। खेती पर खर्च सिर्फ 5 से 7 हजार रुपये हुए हैं।‘
आय दोगुनी करने की कोशिश
JSLPS के जिला परियोजना पदाधिकारी सिद्धार्थ और क्षेत्रीय परियोजना पदाधिकारी प्रणव प्रियदर्शी ने बताया कि जिले के चारों प्रखंड को मिलाकर अभी तक तीन वित्तीय वर्षो में लगभग 175 एकड़ में लेमन ग्रास लगाई गई है। भविष्य में इन सभी महिलाओं की आय को दोगुनी करने के लिए JSLPS के जोहार परियोजना अंतर्गत यहां लेमनग्रास से तेल निकालने की मशीन (Lemongrass Oil machine) लगाने की तैयारी की जा चुकी है। जल्द ही इस दिशा में जमीनी स्तर पर कार्य की शुरुआत होनी है। इससे क्षेत्र के अन्य किसान भी लेमन ग्रास की खेती को अपनाएंगे। अपनी आय को बढ़ाएंगे।