विवेक चौबे
गढ़वा। हे भगवान। गर्भवती महिलाएं कैसे स्वास्थ्य उपकेंद्र जाती होंगी। हालात देखकर आपके मुंह से भी यही शब्द निकलेंगे। वर्षों बाद भी यहां के हालात नहीं बदले हैं। यहां अब तक ऑक्सीजन और पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध तक नहीं है। उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराये जाने के बाद भी सभी इसे अनसुना कर दे रहे हैं।
सफलतापूर्वक प्रसव
ये हालात जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चटनिया पंचायत के घोड़दाग गांव में स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र की है। यहां मरीजों के लिए कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। अच्छी व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने के बावजूद यहां प्रसव कराया जा रहा है। केवल कांडी प्रखंड ही नहीं, बल्कि कई अन्य प्रखंडों की गर्भवती महिलाओं को भी प्रसव कराने के लिए यहां लाया जाता है।
तब भगवान भरोसे ही
उक्त स्वास्थ्य उपकेंद्र में ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है। कभी ऐसी नौबत कभी आ पड़ने पर पीड़िता को मझिआंव रेफरल अस्पताल ले जाना होगा। हांलाकि मझिआंव अस्पताल में भी बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं है। इसके बाद उसे गढ़वा सदर अस्पताल ही ले जाना होगा। इस दौरान पीड़ित भगवान भरोसे ही रहेगी।
सड़क बढ़ाती है दर्द
स्वास्थ्य उपकेंद्र तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क भी नहीं है। कांडी-मझिआंव मुख्य सड़क से लेकर उक्त स्वास्थ्य केंद्र तक सड़क अति जर्जर स्थिति में है। उबड़-खाबड़ सड़क में दुर्घटना होने का डर हमेशा बना रहता है। साथ ही, प्रसव के लिए लाई जाने वाली महिलाएं को बहुत परेशानी होती है। उनका दर्द और बढ़ जाता है।
क्या कहती हैं एएनएम
उपकेंद्र की एएनएम कुसुम कुमारी ने बताया कि यहां दूर-दूर के गांवों से प्रसव के लिए महिलाओं को लाया जाता है। प्रसव भी सफल होता है। उन्होंने जिले के उच्चाधिकारियों से एक चापाकल की मांग की है, जिससे मरीज और उनके साथ आए परिजनों को पीने के लिए पानी मिल सके। वहीं, स्वास्थ्य विभाग से दो बेड और आक्सीजन की सुविधा की मांग की है। साथ ही, प्रसव से संबंधित सभी दवा की मांग की है, जिससे सफलतापूर्वक प्रसव हो सके। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ एवं सुरक्षित रहें।
बीडीसी ने कही ये बातें
बीडीसी उषा देवी ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र पर जाने वाली सड़क की स्थिति बद से भी बदतर है। लोगों और वाहनों के आवागमन में काफी दिक्कतें होती हैं। उन्होंने सड़क निर्माण कराने और उक्त स्वास्थ्य उपकेंद्र में सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।