अब बिना डिग्री के नहीं बेंच सकेंगे कीटनाशक : सत्यानंद भोक्ता

कृषि झारखंड
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  • प्रशिक्षण सर्टिफिकेट के आधार पर दिया मिलेगा कीटनाशी दुकान का लाईसेंस

चतरा। श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि अब बिना डिग्री के कीटनाशी नहीं बेच पाएंगे। रोजगार प्राप्त करने के इच्छुक जिले के बेरोजगार युवकों के लिए भी यह सुनहरा अवसर है। वे सभी प्रशिक्षण के दौरान बारीकि‍यों को मन लगाकर सीखें। किसान का पहला वैज्ञानिक सलाहकार आप ही होंगे। बहुत सारे किसान आपके कहने पर ही कीटनाशक को अपने खेत में डालेंगे। झारखंड सरकार किसानों के हित के लिए कई कल्याणकारी योजनायें चला रही है। इसका लाभ उठायें। वे 04 सितंबर को स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में चल रहे कीटनाशी विक्रेताओं के 12 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ करने के बाद बोल रहे थे।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ जगरनाथ उरांव थे। प्रशिक्षण में ऑनलाईन के माध्यम से समेति निदेशक डॉ सुभाष सिंह और जिला कृषि पदाधिकारी अशोक सम्राट ने भी भाग लिया। निदेशक समेति ने बताया कि संतुलित कीटनाशी के व्यवहार के लिए प्रशिक्षित होना बहुत जरूरी है। अत्यधिक कीटनाशी के व्यवहार से फल सब्जी की गुणवत्ता में कमी आती है। उपभोक्ता रोग से ग्रसित हो जाते हैं।

वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ रंजय कुमार सिंह ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होने बताया कि यह प्रशिक्षण हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्‍ट‍िच्यूट ऑफ प्लांट हेल्थ मैनेजमेंट द्वारा संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में वैसे लोग भाग ले रहे है, जो वर्ष 2017 से पूर्व कीटनाशी दुकान का संचालन करते थे। भारत सरकार द्वारा नियम में परिवर्तन करने के कारण उनके लाईसेंस का रिन्यूअल नहीं हो पा रहा था। प्रशिक्षण के बाद उनका रिन्यूअल हो सकेगा।

डॉ जगरनाथ उरांव ने बताया कि भारत सरकार के कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कीटनाशक विक्रेताओं के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पूर्व में नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। इसके तहत कृषि स्नातक, विज्ञान स्नातक एक वर्षीय डिप्लोमा के साथ-साथ 12 सप्ताह के कोर्स को भी मान्यता दी गई है। उन्होने बताया कि कीटनाशी विक्रेता किसानों के सीधे संपर्क में रहते हैं। इसलिए उसका प्रशिक्षित होना अति आवश्यक है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ वीपी राय, विनोद कुमार पाण्डेय, धर्मा उरांव, उपेन्द्र कुमार सिंह, मो जुनैद आलम, अभिषेक घोष, नवल किशोर, अभिजित घोष, मुकेश महतो, रूपला कुमार भोक्ता, लालमनी ठाकुर, किशोरी कांत मिश्र, नेपाल ठाकुर, बंसत ठाकुर आदि उपस्थित थे।