- एलीफेंट कॉरिडोर का निर्माण कराने की मांग
लातेहार। जिले के कई गांवों में हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। रविवार देर शाम हाथी ने दो लोगों को मार डाला। अबतक चंदवा, बालुमाथ, हेरहंज में ही हाथियों के हमले में करीब 9 लोगों की मौत हो चुकी है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता अयुब खान ने लोगों की जानमाल की रक्षा के लिए हाथियों को खदेड़ने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है। साथ ही, एलीफेंट कॉरिडोर का बनाने को कहा है।
जानकारी के मुताबिक जिले में इन दिनों हाथियों का कहर बदस्तूर जारी है। रविवार देर शाम लखन उरांव एवं रेवा गंझू को हाथियों ने कुचलकर मार डाला। दोनों अपने घर हेबना महुड़र (बालुमाथ) जा रहे थे। अब तक चंदवा बालुमाथ हेरहंज में हाथियों के हमले में करीब 9 लोगों की मौत हो चुकी है। कई घरों को हाथियों ने तोड़ दिए हैं। दर्जनों किसानों की फसलें नष्ट कर चुके हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हाथी आतंक का पर्याय बन चुके हैं। हाथियों का कई झुंड जंगल और गांवों में विचरण कर रहा है। हाथियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में वन विभाग विफल साबित हो रहा है। इंसान और हाथियों की चिंता विभाग को नहीं है।
हाथियों को जंगली इलाके से भगाकर सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने के लिए वन विभाग द्वारा बुलाई गई बंगाल की टीम भी उन्हें खदेड़ नहीं पा रही है। चंदवा, बालुमाथ और हेरहंज के जंगली इलाकों पर बसे सैकड़ों गांव में लोगों की जान पर बन आयी है।
बताया जाता है कि लोगों की चीख पुकार सुनकर कुछ समय के लिए हाथी वापस जंगल की ओर तो चले जाते हैं। मौका पाते ही फिर गांव वालों पर टूट पड़ते हैं। तीन-चार माह से किसानों के लिए हाथी एक बड़ी समस्या बन गई है। कभी दाना-पानी की तलाश में तो कभी हरी भरी फसलों को रौंदने के लिए हाथियों का दल गांव पर हमला कर दे रहे हैं। इस दौरान उनकी राह में रोड़ा बने ग्रामीणों को हाथी अपने पैरों तले कुचल रहे हैं।
अयुब खान ने कहा कि चंदवा, बालुमाथ और हेरहंज इलाका हाथियों की शरणस्थली बन गया है। यहां हाथियों के कई झुंड है, जो कई माह से बसे हुए हैं। राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने एलिफेंट कॉरिडोर के निर्माण को लेकर अपना मुंहफेर लिया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। लोगों की जानमाल की रक्षा के लिए हाथियों को खदेड़ने के लिए उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से समुचित कदम उठाने की मांग की है।