बिहार में सियासी घमासान के बीच एक नया विवाद शुरू हो गया है। यहां जमीन पर कब्जा कर कार्यालय बनाने को लेकर अब जेडीयू और आरजेडी नेता आमने-सामने आ गये हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद अब राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जेडीयू पर जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया है।
जगदानंद सिंह ने शनिवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 6 महीने पहले हमलोगों ने नीतीश सरकार को पत्र लिखा था। जमीन का मालिक सरकार होती है। जमीन का आवंटन सरकार करती है। आरजेडी ने कभी अतिक्रमण करने का प्रयास नहीं किया। सभी यहां संयम से रहते हैं। सरकार के किस पदाधिकारी ने किस स्तर से फैसला लिया मुझे नहीं मालूम। हमें जवाब मिला कि आरजेडी के बगल की जमीन माननीय उच्च न्यायालय को आवंटित जमीन है। लालू प्रसाद ने पहले घोषणा की थी सभी दलों को जमीन दी जायेगी। हमने बीजेपी को जमीन दी। जेडीयू दल था ही नहीं, जो भी दल अस्तित्व में थे उनको स्थान दिया गया। 1990 से आरजेडी का जो भी स्वरूप रहा हो, जेडीयू के पहले 2 से 3 एमएलए हुआ करते थे, लेकिन आज हमलोगों ने देखा कि विधायक फ्लैट में आम रास्ता को भी घेर लिया गया। हमारा संगठनात्मक ढांचा बिल्कुल वैसा ही है जैसा भाजपा का है। किसी भी जमीन का स्वामित्व ट्रांसफर नहीं होता। स्वामित्व सरकार के पास ही रहता है।
उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश ने कहा है कि जमीन आसमान से नहीं आती। जमीन नालंदा से भी नहीं आती। हमलोगों के यहां से भी नहीं आती। जमीन की व्यवस्था यहीं से होती है। जमीन ट्रांसफरेबल है। एक पूल से दूसरे पूल में ट्रांसफर होता है। मैं जिस भवन में 15 सालों तक मंत्री के रूप में रहा, वो उच्च न्यायालय के अधीन है। जगदानंद ने कहा कि सरकार बताये जेडीयू का बिल्टअप एरिया जो आवंटित था, वही है या बढ़ा है। पिछले 5 सालों में इन ऑफिस के मेन्टेन्स पर क्या खर्च किया गया। जगदानंद सिंह ने कहा कि आखिर आरजेडी के साथ सरकार अन्याय क्यों कर रही है।