धोती साड़ी वितरण योजना शुरू कर बोले हेमंत, युवाओं को नौकरी देने का सिलसिला शुरू

झारखंड मुख्य समाचार
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  • धोती-साड़ी-लुंगी वितरण योजना के लिए 500 करोड़ का प्रावधान
  • लाभुकों को साल में दो बार मिलेगी 10 रुपये में धोती साड़ी या लुंगी 

दुमका। राज्य के गरीब, किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और व्यवसायियों समेत सभी तबके का विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस सिलसिले में हर दिन नई कार्य योजना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। लोग इस योजनाओं से जुड़कर लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 22 सितंबर को झारखंड की उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन में आयोजित सोना सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना का शुभारंभ करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि‍ सरकार गरीबों को अतिरिक्त राशन कार्ड उपलब्ध कराने के साथ अब अनुदानित दर पर धोती-साड़ी उपलब्ध करा रही है। इस योजना से राज्य के लाखों बीपीएलधारियों को लाभ मिलेगा। इस योजना के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। लाभुकों को साल में दो बार इस योजना के तहत धोती-साड़ी या लुंगी दिया जाएगा।

लाभुकों के बीच धोती-साड़ी बांटी

मुख्यमंत्री ने कुछ लाभुकों को धोती-साड़ी प्रदान किया। इस दौरान रांची, चाईबासा, गढ़वा, गिरिडीह और सरायकेला खरसावां जिले में धोती-साड़ी वितरण को लेकर आयोजित कार्यक्रम दुमका में हो रहे राज्यस्तरीय कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े हुए थे। इसके अलावा अन्य जिलों में भी धोती-साड़ी वितरण योजना का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने इस क्रम में लाभुकों के साथ संवाद भी किया।

धरातल पर तेजी से उतर रही योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। इन सभी योजनाओं को तेजी के साथ धरातल पर उतारा जा रहा है। इसी कड़ी में धोती-साड़ी वितरण योजना को फिर से शुरू की गयी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को कई बार योजनाओं की सही जानकारी नहीं होती है। इस कारण वे इसका लाभ नहीं ले पाते हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे सरकारी दफ्तरों में जाकर तमाम योजनाओं के बारे जानकारी लें। उससे जुड़े। उन्होंने जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी देने के साथ उसका लाभ देना भी सुनिश्चित करें।

योजनाओं को पहनाया जा रहा अमलीजामा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, पशुपालन, उद्योग, खेल मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, सूकर पालन, डेयरी, बागवानी सहित सभी सेक्टर के लिए नई योजना और नई नीति बना रही है, ताकि इसे बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसान और गांव मजबूत होंगे। तभी झारखंड खुशहाल और सशक्त बनेगा। इसी सोच के साथ सरकार काम कर रही है।

उद्योग के विकास के प्रति सरकार गंभीर

राज्य में निवेश के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। यहां उद्योग लगाने के लिए निवेशक आएं, इसके लिए नई उद्योग प्रोत्साहन नीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के जो युवा उद्योग लगाने के इच्छुक हैं, उन्हें सरकार की ओर से कई सुविधाएं और छूट जा रही है।

युवाओं को रोजगार देने पर विशेष फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में युवाओं को नौकरी और रोजगार देने पर सरकार का विशेष फोकस है। सरकार ने इस वर्ष को नियुक्ति वर्ष घोषित किया है, लेकिन कोविड-19 की वजह से काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। झारखंड लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के आयोजन के साथ इसकी शुरुआत हो चुकी है। अब यह प्रक्रिया अनवरत चलेगी। बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार देंगे।

खेल के क्षेत्र में अपार संभावनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। यही वजह है कि खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। राज्य में पहली बार खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति हुई है। हर जिले में खेल पदाधिकारियों को भी बहाल किया गया है। इसके अलावा खेल मैदानों को भी विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है। खिलाड़ियों को वह हर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड देश का नाम रोशन कर सकें।

हर जिले में खोले जा रहे हैं मॉडल स्कूल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गरीब बच्चे भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ सकें, इसके लिए सरकार ने सभी जिलों में एक एक मॉडल स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। अगले सेशन से इन सभी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति के जो विद्यार्थी उच्च शिक्षा विदेशों में प्राप्त करना चाह रहे हैं, उन्हें सरकार की ओर से छात्रवृत्ति दी जा रही है। सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए लगातार कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्कूलों में बच्चों को अब सप्ताह में तीन की बजाय 6 दिन अंडे मिलेंगे। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे मुर्गी फार्म के माध्यम से अंडा का उत्पादन करें। सरकारी इन अंडो को खरीदेगी।

कोविड-19 नियंत्रण करने में मिली सफलता

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग डेढ़ सालों से पूरी दुनिया कोविड-19 वैश्विक महामारी से गुजर रही है। इस वजह से सारी व्यवस्थाएं अस्त व्यस्त हो गई, लेकिन बेहतर प्रबंधन के साथ हमने कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता पाई है। हालांकि अभी भी खतरा टला नहीं है। ऐसे में सतर्क और सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब जीवन को सामान्य बनाने के साथ राज्य में विकास की रफ्तार तेज की गई है, ताकि योजनाओं का धरातल पर उतारने के साथ उसका लाभ लोगों को मिल सके।

कई योजनाओं का उद्घाटन शिलान्यास

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 37 करोड़ 92 लाख 39 हजार 800 रुपये की 18 योजनाओं का ऑनलाइन उद्घाटन किया। वहीं, 2 अरब 30 करोड़ 76 लाख 7 हजार 600 रुपये की लागत वाली कई योजनाओं की आधारशिला रखी। इस मौके पर मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के लाभुकों को चेक सौंपा।

इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन और बसंत सोरेन के अलावा जि‍ला परिषद अध्यक्षा, पुलिस उपमहानिरीक्षक सुदर्शन मंडल, उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।