जून में राशि कर दिया सरेंडर, अब विद्यालय संचालन को लेकर असमंजस में शिक्षक

झारखंड शिक्षा
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  • संघ ने विद्यालय कोष की राशि शीघ्र जारी करने की मांग की

रांची। शिक्षा विभाग ने 24 सितंबर से झारखंड में 6 से ऊपर की कक्षाओं में पढ़ाई शुरू करने का आदेश दिया है। इसके आलोक में विद्यार्थी स्‍कूल आने लगेंगे। जून में सभी तरह की राशि सरेंडर करा लेने के बाद विद्यालय विकास मद में कोई पैसा नहीं है। इसे लेकर विद्यालय के संचालन को लेकर शिक्षक असमंजस में हैं। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसे लेकर सवाल उठाया है। संघ के पदधारियों ने पूछा है कि राशि के आभाव में विद्यालय का संचालन कैसे हो पाएगा।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि सरकार के आदेश से राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालय के वर्ग 6 से 8 के छात्रों का 24 सितंबर से विद्यालय आना शुरू होगा। वर्तमान में विद्यालय विकास मद में शून्‍य राशि है। जून में ही विद्यालय द्वारा सभी तरह की राशि झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक के आदेश से सरेंडर कर दि‍या गया है। विद्यालय की सफाई, सेनि‍टाइजेशन, रिपोर्ट रिटर्न, जेरोक्स आदि कार्यों के लिए कोष में पैसा नहीं है। इस परिस्थिति में विद्यालय के संचालन में काफी परेशानी आएगी। शिक्षक असमंजस में हैं कि विद्यालय संचालन के लिए इन कार्यों के लिए राशि की व्यवस्था कहां से की जाए।

इसके मद्देनजर संघ ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव और झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक से मांग की है कि राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में विद्यालय विकास की राशि शीघ्र जारी की जाए, ताकि‍ विद्यालय का संचालन सुचारु रूप से किया जा सके। संघ ने कहा कि आए दिन रिपोर्ट रिटर्न, 3 से 8 तक के छात्रों की ऑफलाइन परीक्षा लेनी है। इसमें प्रश्न पत्र फोटोकॉपी करा कर देना है। कई तरह के कार्यों में राशि की आवश्यकता पड़ती है। इसे ध्यान में रखते हुए विद्यालय विकास की राशि को समय रहते हुए मुक्त किया जाए, ताकि प्रदेश के प्राथमिक और मध्य विद्यालय का कार्य संचालन सुचारू रूप से हो सके।