राज्यपाल ने जारी ने किया सोहराई और कोहबर चित्रकला पर विशेष लिफाफा

झारखंड
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रांची। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने सोहराई एवं कोहबर चित्रकला पर विशेष लिफाफा 17 सितंबर को जारी किया। भारत प्राकृतिक और सांस्कृतिक विविधता एवं संपन्नता का देश है। इस धरोहर को अक्षुण रखने के लिए भारत सरकार ने भौगोलिक संकेत अधिनियम, 1999 को अधिन्यामित किया है। यह इन विशिष्ट उत्पादों/संस्कृति को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। इनसे जुड़े लोगों को आर्थिक तौर पर भी अधिक सबल बनाता है।  

झारखंड में सोहराई और कोहबर पेंटिंग्स को भौगोलिक संकेत गत वर्ष प्राप्त हुआ है। यह कला देश एवं झारखंड की अमूल्य धरोहर है। यह कला फसल की कटाई एवं विवाहोत्सव से जुड़ी है। विभिन्न रंगों की माटी का उपयोग कर आदिवासियों द्वारा भित्ति चित्र बनाने की यह कला हजारीबाग एवं चतरा में विशेष प्रचलन में है।

डाक विभाग का फिलाटेली संभाग राष्ट्री्य धरोहरों और घटनाओं को स्मरण करने, सांस्कृतिक त्योहारों को मनाने एवं कला को  प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विशेष लिफाफा जारी करता है। इसलिए भारतीय डाक विभाग, झारखंड परिमंडल द्वारा आम जनों को संस्कृति के प्रति संरक्षण की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस विशिष्ट लिफाफा को जारी किया है।

इस अवसर पर झारखंड के मुख्य डाक महाध्यक्ष जलेश्वर कहंर, डाक महाध्यक्ष संजीव रंजन, निदेशक डाक सेवाएं सत्यकाम आदि उपस्थित थे।