कोल ब्लॉक घोटाले में अदालत ने पांच आरोपियों को ठहराया दोषी

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नई दिल्‍ली। लालगढ़ (उत्तर) कोल ब्लॉक से संबंधित कोयला घोटाला के एक मामलें में अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी ठहराया। सजा 15 सितंबर को सुनाई जाएगी। सीबीआई मामलो के विशेष न्यायाधीश, राऊज एवेन्यू न्यायालय, नई दिल्ली ने कोयला घोटाला के एक मामलें में मेसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड, रांची के तत्कालीन प्रबन्ध निदेशक विनय प्रकाश, मेसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड के दो तत्कालीन निदेशकों वसंत दिवाकर मांजरेकर और परमानंद मंडल, कोलकाता के चार्टर एकाउंटेंट संजय खंडेललवाल और मेसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड, रांची (झारखंड) को आज दोषी ठहराया।

सीबीआई ने मेसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड रांची और इसके प्रोत्साहकों/निदेशकों एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध वर्तमान मामला दर्ज किया। सीबीआई ने यह मामला वर्ष 1993 से 2005 के दौरान कोल ब्लाक आवंटन से संबंधित सीवीसी से प्राप्त निर्देशों पर पूर्व में प्राथमिक जांच पड़ताल के आधार पर दर्ज किया था। जांच के दौरान यह पता चला कि लालगढ़ (उत्तर) कोल ब्लॉक को 19वीं स्‍क्रीनिंग कमेटी द्वारा कंपनी के पक्ष में निर्धारित किया गया। 24 नवंबर,  2003 को एमओसी के पत्र द्वारा कंपनी को सूचित किया गया।

आगे यह आरोप है कि मैसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड के प्रोत्साहक निदेशक विनय प्रकाश ने अज्ञात व्यक्तियों के साथ षड़यंत्र किया। कैपटिव कोल ब्लॉक के लिए आवेदन के दौरान संबंधित प्राधिकारी को गलत सूचना दी। लालगढ़ (उत्तर) कोल ब्लॉक का आवंटन सुनिश्चित किया। उक्त षड़यंत्र के क्रम में आगे कोल ब्लॉक आवंटन के बाद आरोपियों ने कथित रूप से कंपनी की अंश धारिता को अधिमूल्य (premium) पर बेचकर करीब 7 करोड़ रुपये का मौद्रिक लाभ प्राप्त किया।

जांच के बाद आरोपियों के विरुद्ध 22 दिसंबर, 2015 को आरोप पत्र दायर किया गया। विचारण अदालत ने पांच आरोपियों को कसूरवार पाया एवं उन्हें दोषी ठहराया। सजा के रूप (quantum of sentence) पर बहस के लिए मामले को 15 सितंबर, 2021 तक के लिए स्थगित किया है।