कोल बेड मिथेन दोहन के एक नये युग में कदम रखा कोल इंडिया ने

झारखंड बिज़नेस
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  • परियोजना की अनुमानित लागत 1,880 करोड़ रुपये है

रांची। कोल इंडिया ने कोल बेड मिथेन (सीबीएम) दोहन के एक नये युग में कदम रखा। इसकी सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने वैश्विक बोली प्रक्रिया के माध्यम से चयनित प्रभा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के साथ कोल बेड मिथेन के वाणिज्यिक दोहन के लिए रेवेन्यु शेयरिंग अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,880 करोड़ रुपये है। परियोजना की देखरेख करने वाली प्रमुख कार्यान्वयन एजेंसी (पीआईए) सीएमपीडीआई है।

सीबीएम दोहन स्वच्छ कोयला पहल के तहत कोल इंडिया के विविधि‍करण पोर्टफोलिया का एक हिस्सा है। यह एक महत्वपूर्ण विकास है। इसके साथ ही सीआईएल अपने लीजहोल्ड क्षेत्र में सीबीएम दोहन के एक नए युग में कदम रखेगा।

लगभग 27 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले झरिया ब्लॉक-I (बीसीसीएल का लीजहोल्ड क्षेत्र) से सीबीएम निकाला जाएगा। इसका संसाधन लगभग 25 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है। एक बार वाणिज्यिक संचालन शुरू होने के बाद औसत उत्पादन क्षमता 1.3 मिलियन मीट्रिक मानक क्यूबिक मीटर प्रति दिन आंकी गई है।

परियोजना तीन चरणों में निर्धारित है। गवेषण का पहला चरण अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से दो साल की अवधि का है। इसके बाद तीन साल का पायलट चरण है। इसके बाद उत्पादन चरण 30 वर्षों के लिए है।

कोल बेड मिथेन प्राकृतिक गैस का एक गैर-परंपरागत रूप है, जो कोयले के भंडार में पाया जाता है। सीबीएम का उपयोग करने से तीन फायदे होते हैं। मिथेन में ऊर्जा क्षमता होती है। कैप्चर की गई गैस का उपयोग कई व्यावसायिक उपयोग के लिए किया जा सकता है। पाइपलाइन के माध्यम से इसे शहरी गैस वितरण या संभावित उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जा सकता है।

इसके अलावा, मिथेन एक शक्तिशाली ग्रीन हाउस गैस है। खानों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए चिंता का कारण है। भूमिगत कोयला खदानों से निकलने वाले मिथेन गैस को हटाने और लाभदायक और व्यावहारिक तरीकों से इसका उपयोग करने से सुरक्षा, खदान उत्पादकता एवं राजस्व में वृद्धि और ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।

अनुबंध हस्‍ताक्षर के अवसर पर कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक एवं कोल इंडिया के निदेशक (तकनीकी) विनय दयाल, निदेशक (तकनीकी/आरडीएंडटी) आरएन झा, निदेशक (तकनीकी/पीएंडडी) एके राणा, महाप्रबंधक (समन्वय) मनोज कुमार की मौजूदगी वीसी के माध्यम से थे। बीसीसीएल के निदेशक (तकनीकी/ऑपरेशन) चंचल गोस्वामी एवं निदेशक (तकनीकी/पीएंडपी) जेपी गुप्ता और सीएमपीडीआई के महाप्रबंधक (क्लीन इनर्जी डेवलपमेंट) सी पात्रा शारीरिक तौर पर धनबाद में उपस्थित थे।