त्‍योहारों के सीजन से पहले खाद्य तेलों की महंगाई पर केंद्र ने राज्‍यों के पाले में डाली गेंद

देश बिज़नेस
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त्यहारी सीजन में खाद्य तेलों की महंगाई पर लगाम लगाने के मामले में केंद्र सरकार ने गेंद राज्‍यों के पाले में डाल दी है. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने सभी राज्यों को चिट्ठी व्यापारियों को हर हफ्ते अपना स्टॉक घोषित करने की मांग की है.

इसके तहत अब दलहन की तरह तिलहन के स्टॉक और दाम को सरकार चेक करवाएगी. राज्यों के आपूर्ति अधिकारी लिमिट नहीं बल्कि स्टॉक चेक करेंगे और रेट के बारे में रिव्यू करेंगे. आपको बता दें कि खाद्य तेलों की कीमतों में पिछले एक साल में बेतहासा वृद्धि हुई है और कुछ तेलों के मामले में कीमत वृद्धि 50 फीसदी से 70 फीसदी तक हुई है. कई महीनों से जारी तेल की महंगाई को सरकार अबतक काबू नहीं कर पाई है. सरकार का कहना है कि खाद्य तेलों के आयात पर सीमा शुल्क दरों को कम करने के बावजूद कीमतों में कमी नहीं हो रही है और उसकी असली वजह जमाखोरी है. इसलिए जमाखोरी पर अंकुश के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) के तहत कारोबारियों, व्यापारियों, प्रसंस्करण करने वाली इकाइयों को अपने स्टॉक का खुलासा करना होगा. यह काम राज्य सरकारें करेंगी उनको आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत यह अधिकार दे दिया गया है.

केंद्र सरकार के इस कदम पर अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि इसकी कोई भी जरूरत नहीं है. क्योंकि भारत में खाद्य तेलों का पर्याप्त उत्पादन ही नहीं है. उन्‍होंने कहा कि हमारी विदेशी तेलों पर निर्भरता है इतना दाम पर कौन होल्डिंग कर सकता है. व्यापारियों के यहां स्टॉक लिमिट और रेट चेक करने से इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार बढ़ेगा.