
रांची। एक बार फिर रांची का ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। झारखंड के 12 जिलों में संविदा पर बहाल 2500 सहायक पुलिसकर्मी को काफी प्रयास के बाद भी रांची पुलिस मोरहाबादी पहुंचने से नहीं रोक पाई।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में जवान धरने पर बैठ गये हैं। हालांकि, मोरहाबादी मैदान पहुंचने से रोकने के लिये राज्य की पुलिस की ओर से कई उपाय किये गये थे, सभी विफल रहे। मोरहाबादी मैदान के चारों ओर बैरिकेडिंग कर सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। रैप और जैप की महिला बटालियन को मौके पर तैनात कर दिया गया है। यहां बता दें कि बारह नक्सल प्रभावित जिलों में संविदा पर 2,500 सहायक पुलिसककर्मी को बहाल किया गया है।
संविदा पर बहाल हुए पुलिसकर्मियों की मांग नहीं माने जाने से नाराज सहायक पुलिस कर्मी पिछले साल 12 सितंबर 2020 से 23 सितंबर 2020 तक मोरहाबादी मैदान में आंदोलन किये थे। उस समय पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर सहायक पुलिसकर्मी से मिलने आये थे। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने आश्वासन दिया था कि मांगों पर विचार के लिए जल्द ही पांच सदस्यीय कमेटी गठित होगी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जायेगा। धरने पर बैठे पुलिसकर्मियों ने बताया कि इस दिशा में सरकार की ओर से अब तक कुछ नहीं किया गया।