रांची। आज रक्षाबंधन है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। आज भद्रा सुबह 6.16 बजे तक था। फिर दिनभर शुभ मुहूर्त है। ज्योतिषचार्य के मुताबिक भद्रा में रक्षा बंधन से अनिष्ठ होता है।
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की अवधि 11 घंटे 18 मिनट है। यह सुबह 06 बजकर 14 56 सेकेंड से शुरू होकर शाम 05 बजकर 33 मिनट 39 सेकेंड तक प्रभावी है। दोपहर में मुहूर्त 01 बजकर 41 मिनट 57 सेकेंड से 04 बजकर 18 मिनट 03 सेकेंड तक है।
रक्षाबंधन पर गुरु और चंद्रमा की उपस्थिति के कारण गजकेसरी योग बन रहा है। शोभन और अमृत योग भी हैं। पूर्णिमा तिथि शाम 05 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। शोभन योग सुबह 10.38 बजे तक रहेगा। अमृत योग सुबह 5.45 से शाम 5.32 तक रहेगा। यह रक्षाबंधन को और भी शुभ फल दायी बनाये रखेगा।
गजकेसरी योग के होने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। गज केसरी योग से राजसी सुख और समाज में मान-सम्मान की भी प्राप्ति होती है। इस योग में किया गया कोई भी शुभ कार्य शुभ फल को प्राप्त कराता है।
इन बातों का रखें ख्याल
राखी बांधने से पहले बहन और भाई दोनों उपवास रखें।
भाई को राखी बांधने से पहले बहन थाली सजाएं।
थाली में राखी, रोली, दिया, कुमकुम, अक्षत और मिठाई रखें।
राखी बांधते वक्त सबसे पहले भाई को माथे पर तिलक लगाएं।
उसके बाद भाई पर अक्षत छीटें।
बहनें अपने भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधें।
राखी बांधने के बाद बहन भाई की आरती उतारें।
अगर भाई बड़ा है तो उसके पैर छूकर भाई से आशीर्वाद लें।
फिर भाई को मिठाई खिलाएं।
बहन के राखी बांधने के बाद भाई अपनी सामर्थ्य अनुसार बहन को उपहार दें।
राखी बांधते वक्त बहनें मंत्र का जाप करें।
इन मंत्रों का करें जाप
तिलक करते समय 1 बार सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतू कहें।
चावल लगाते समय दूसरी बार सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतू कहें।
चावल सिर पे डालते समय तीसरी बार सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतू कहें।
राखी बांधते समय 3 गांठ बांधे।
पहली गांठ देते समय कहें साता पाओ सुख पाओ।
दूसरी गांठ देते समय कहें सन्मति पाओ समाधि पाओ।
तीसरी गांठ देते समय कहें प्रगति और प्रसिद्धि पाओ।
गुड़ या मिठाई का कवा देते समय कहें आरुग्ग बोहिलाभं।