मध्य प्रदेश। नकली नोट बनाने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके पास से 1.05 लाख के नकली नोट भी बरामद किये। पकड़े जाने के बाद पूछताछ में उन्होंंने नकली नोट बनाने का तरीका पुलिस को बताया। इसे जानकार पुलिस हैरान रह गई।
ये भी पढ़े : वोडाफोन-आईडिया ने लॉन्च किया ‘रैड एक्स फैमिली प्लान’, जानें क्या है खास
एएसपी गोपाल धाकड़ ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर भोपाल क्राइम ब्रांच ने तीनों को फंदा रोड स्थित अतिथि ढाबा से पकड़ा। आरोपियों में शाजापुर निवासी हरिओम मेवाड़ा, एलम मेवाड़ा और अरविंद मेवाड़ा शामिल हैं। उनके पास से 500-500 के 210 नकली नोट मिले। इनकी कीमत एक लाख पांच हजार रुपए है। ये असली जैसे नजर आते थे।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे तीन महीने में करीब 20 हजार के नकली नोट बाजार में खपा चुके हैं। इसके लिए भी वे अलग तरकीब अपनाते थे। वे कम कीमत का सामान खरीदकर दुकानदार को नकली नोट थमा देते थे। यदि दुकानदार को पता नहीं चला तो वह बाकी खुल्ले पैसे लौटा देता था। यदि पता चल गया तो गलती बताकर उसे असली नोट दे देते थे।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि नकली नोट का कलर प्रिंट निकालने के लिए वे फोटो कॉपी वाला मोटा कागज उपयोग करते थे। नोट की कटिंग करने के बाद उसे गीला कर देते थे। इसके बाद सुरक्षा लाइन चिपका देते थे।
हरिओम का कालापीपल में महाकाल नामक फोटो स्टूडियो है। एलम मेवाड़ा यहीं काम करता है। अरविंद ट्रैक्टर और कार लोन दिलाने का काम करता है। हरिओम और एलम कलर रजिस्ट्री का प्रिंट भी निकालते थे। इस दौरान ही उन्हंओ नकली नोट का प्रिंट निकालने का ख्याल आया। इसके बाद इंटरनेट पर इससे जुड़े वीडियो देखकर आरोपियों ने नकली नोट के कलर प्रिंट निकालने शुरू कर दिए।