
जमशेदपुर। टाटा स्टील ने महात्मा गांधी की 152वीं जयंती पर उन्हें याद किया। इतिहास में झांके तो ‘टाटा’ के साथ महात्मा गांधी का जुड़ाव 1909 से था। जमशेदजी नसेरवानजी टाटा के छोटे पुत्र रतन टाटा ने साउथ अफ्रीका में गांधीजी के कार्यों में सहयोग के लिए 25 हजार रुपये की चेक के साथ एक पत्र भेजा था।
इसके बाद महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1925 को पहली बार जमशेदपुर का दौरा किया। उनके इस दौरे के दो प्रमुख उद्देश्य थे- मजदूरों के संघर्ष का समाधान करना और भारत के प्रथम योजनाबद्ध औद्योगिक टाउन का अवलोकन करना। अपने प्रवास के दौरान उन्होंने शहर और स्टील प्लांट के कई स्थानों का भ्रमण किया। उन्होंने टिस्को इंस्टिट्यूट में मजदूरों को संबोधित किया, जिसे आज यूनाइटेड क्लब के नाम से जाना जाता है।
अपने दौरे के क्रम में महात्मा गांधी ने कहा, ‘टाटा साहसिक-कर्म भावना के प्रतीक हैं।’ उन्होंने राष्ट्र और इसकी जनता के प्रति टाटा की प्रतिबद्धता को दोहराया। ‘हरिजन आंदोलन’ को लेकर अपने देशव्यापी भ्रमण के दौरान 4 मई, 1934 को वे दूसरी बार स्टील सिटी पधारे। टाटा स्टील ने उनकी 152वीं जयंती पर महात्मा गांधी को याद किया।