भारत की आजादी के “अमृत महोत्सव” के क्रम में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए “आइकॉनिक वीक” में आज गुरुवार को पत्र सूचना कार्यालय व प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो, रांची, क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, गुमला के संयुक्त तत्वावधान में “झारखंड के गीतों में देशभक्ति का स्वर” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। साथ ही ‘देशभक्ति गीत प्रतियोगिता’ के विजेताओं की घोषणा भी की गई।
वेबिनार में शामिल अतिथियों एवं वक्तागणों का स्वागत करते हुए पत्र सूचना कार्यालय, रांची एवं प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो, रांची के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत सरकार के विभिन्न कार्यालयों द्वारा तरह-तरह के कार्यक्रमों के आयोजन किये जा रहे हैं। अगर हम अपने स्वतंत्रता संग्राम को देखें, तो आजादी में हमने ना केवल अस्त्रों- शस्त्रों का प्रयोग किया, बल्कि स्लोगन, नारों और देशभक्ति गीतों की रचना भी हुई, जिसने जोश भरने और लोगों को उत्साहित करने में अहम भूमिका निभाई। जंगे आजादी में इन गीतों की एक निर्णायक भूमिका रही।
आजादी का यह अमृत महोत्सव हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, तपस्या और बलिदान का पर्व है। इसके जरिए हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने की कोशिश करते हैं, जिन्होंने हमारे लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।
वेबिनार की परिचर्चा में विषय प्रवेश कराते हुए क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी महविश रहमान ने कहा कि आजादी की लड़ाई में झारखंड के बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया। भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, बख्तर राय, मुंडल सिंह, नीलांबर – पीतांबर, पांडे गणपत राय, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, सिदो-कान्हू, अमर सेनानी बुधु भगत, जतरा भगत एवं टाना आंदोलन, वीर महापुरुष तेलंगा खड़िया, फूलो- झानो आदि के संघर्ष को हम नमन करते हैं। आजादी की लड़ाई में झारखंड के आदिवासियों की संस्कृति और गीतों ने उन्हें बहुत बल और प्रेरणा दी। तिलका मांझी आदिवासियों की स्मृतियों और उनके गीतों में हमेशा जिंदा रहे। उन्होंने कहा कि झारखंड की मशहूर शख्सियत राम दयाल मुंडा जी कहते थे कि यहां के लोग ऐसे बोलते हैं, जैसे गा रहे हैं और ऐसे चलते हैं, जैसे नाच रहे हों और शायद इसीलिए उन्होंने यह कहा था ‘नाची से बाची’।
‘देशभक्ति गीत प्रतियोगिता’ के बारे में उन्होंने कि हमने इतने सारे बच्चों तथा भाई बहनों को देखा और सुना, सभी ने बहुत ही अच्छा गाया है। लेकिन हमें कुछ लोगों को ही चुनना था, क्योंकि यह एक प्रक्रिया है। साथ ही उन्होंने प्रतिभागी बच्चों के अभिभावकों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने अपने बच्चों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सभी से निवेदन किया वह आगे भी गाते रहें और अपनी विधा को और निखारें, जिससे उनके लिए नए रास्ते खुले। उन्होंने खास कर कार्यक्रम के सबसे छोटे पार्टिसिपेंट बसंत, जो मात्र ढाई साल के हैं, उनका नाम लिया और सराहा।
कार्यक्रम में एक-एक कर प्रतिभागियों के वीडियो को चलाया गया, जिसपर श्रीमती मेघा डाल्टन ने अपने सुझाव दिए। अगस्ती टोप्पो, नमन कुमार, पंकज कुमार, शैनी दत्ता, तनुश्री गोरई, सनीकिरण कुंकल, दीपक कुमार, पंकज दुबे, अंजन कुमार, मनोज महतो, रिया सेन, सीमा देवी, शहाबुद्दीन अंसारी, सुमी सोनी तथा मेघनाथ महतो आदि को सराहा गया। बच्चों में अलीना गौहर, दायम गौहर, दिव्या रतन, तनुषि दत्त, ऋषि राज, सिद्धांत सिन्हा, अहाना सिंह, कमल शर्मा, बेबी डॉली, मोअज्जम वारसी आदि को प्रोत्साहित किया गया।
वेबिनार के सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट दिया गया और टॉप 10 को मेघा श्रीराम डाल्टन जी के साथ म्यूजिक एल्बम में गाने का मौका मिलेगा। अंत में अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह एवं मुख्य अतिथि मेघा डाल्टन ने कहा कि हमने आज के कार्यक्रम में बहुत ही उत्साह पूर्वक सहभागिता देखी और सभी बधाई के पात्र हैं और जो आज फाइनल लिस्ट में नहीं हैं, वे और अभ्यास करें, ताकि उन्हें आगे भी कई रास्ते मिलें। अंत में सभी पार्टिसिपेंट्स को आजादी के इस अमृत महोत्सव के समारोह में भाग लेकर इसे सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया गया।