रांची। झारखंड कन्ज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (जेसीपीडीए) की होटल लैंडमार्क में हुई आमसभा में सर्वसम्मति से संजय अखौरी को अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। कृष्ण कुमार अग्रवाल को उपाध्यक्ष, रौनक पोद्दार को सचिव, पंकज तिवारी एवं कृष्ण कुमार बलदेवा को सह सचिव और अरविंद पोद्दार को कोषाध्यक्ष मनोनित किया गया। चुनाव पदाधिकारी अर्जुन प्रसाद जालान और मनोज नरेडी ने संयुक्त रूप से जेसीपीडीए के 12 सदस्यीय नई कार्यकारिणी समिति के गठन की घोषणा की।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय अखौरी ने आश्वस्त किया कि एफएमसीजी ट्रेडर्स की समस्याओं के निराकरण में जेसीपीडीए सक्रिय भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की पहली एवं दूसरी लहर में स्थानीय व्यापारियों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर लोगों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। हमारे प्रयासों का ही परिणाम है कि महामारी के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं की सामान्य आपूर्ति होती रही। कहीं भी उहापोह की स्थिति नहीं बनी।
केंद्र सरकार द्वारा खुदरा और थोक व्यापारियों को एमएसएमई उद्यम में शामिल करने के फैसले पर उन्होंने प्रसन्नता जताई। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कार्य में संलग्न मालवाहक वाहनों को शहर में नो एंट्री से छूट देने की मांग की। यह भी कहा कि एफएमसीजी टेडर्स को राज्य सरकार द्वारा वेयरहाउस के लिए सरकारी दर पर जमीन उपलब्ध कराई जाय, ताकि डिस्ट्रीब्यूटरशिप व्यापार निर्बाध रूप से संचालित हो सके। उन्होंने इस दिशा में सरकार के साथ सामंजस्य बनाकर कार्रवाई करने की बात कही। बडी कंपनियों द्वारा स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटरों के बकाया भुगतान में विलंब पर भी उन्होंने चिंता जताई।
अखौरी ने कहा कि झारखंड चैंबर के सहयोग से जेसीपीडीए द्वारा कई डिस्ट्रीब्यूटरों का बडी कंपनियों के साथ जारी सेटलमेंट का विवाद सुलझाया गया है। हाल के दिनों में पुनः यह समस्या बढ़ी है, जिसपर कार्रवाई की जायेगी। जीएसटी आने के बाद से प्रदेश में स्थित बड़ी-बड़ी कंपनियों का सीएनएफ झारखंड से बिहार व पश्चिम बंगाल शिफ्ट होने पर भी सदस्यों ने चिंता जताई। कहा कि राज्य सरकार को कंपनियों का डिपो झारखंड में स्थापित कराने की पहल करनी चाहिए। जिससे रोजगार भी उपलब्ध हों सकता है। सदस्यों ने एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर के वर्तमान लाइसेंस प्रक्रिया के सरलीकरण की भी मांग की।
पूर्व अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद जालान ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूटर्स की समस्याओं के निदान के लिए ही इस संस्था का गठन किया गया था। प्रसन्नता है कि आज जेसीपीडीए राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं के निदान में भी सकारात्मक भूमिका निभा रहा है। मॉडर्न ट्रेड के बढ़ते प्रचलन से व्यापारियों के समक्ष हो रही कठिनाईयों पर भी उन्होंने चिंता जताई एवं कहा कि कोविड की दूसरी लहर पर नियंत्रण के पश्चात मॉर्डन ट्रेड के बढ़ते प्रचलन से एफएमसीजी व्यापार डिग्रोथ पर आ गया है। इस दिशा में सरकार को चिंतन करने की आवश्यकता है, क्योंकि मॉर्डन ट्रेड से जुड़ी कंपनियां यदि हेवी डिस्काउंट से माल बेंचती रहीं तो भविष्य में डिस्ट्रीब्यूटरशिप व्यवसाय के सामने बहुत बडी समस्या उत्पन्न होगी। नतीजतन प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ जायेगी।
नई-नई मॉर्डन ट्रेड से जुड़ी कंपनियां दिनों-दिन झारखंड में अपना व्यापार फैला रही हैं। सरकार को कड़े नियम बना कर इस पर रोक लगानी चाहिए। पूर्व अध्यक्ष मनोज नरेडी ने संस्था की सदस्यता संख्या में विस्तार की आवश्यकता महसूस की। सुझाया कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में जेसीपीडीए की शाखा खोलने की दिशा में प्रयास किया जाय, ताकि छोटे-छोटे डिस्ट्रीब्यूटर्स की कठिनाइयों के निदान हेतु एक प्लेटफार्म उपलब्ध हो सके। नरेडी के प्रस्ताव पर जिला स्तर पर शाखा के विस्तार, रांची में सदस्य्ता अभियान, विवाद निपटारा और स्थानीय समस्याओं के निदान के लिए कमेटी का गठन भी किया गया।
आमसभा के दौरान ही एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन प्रसाद जालान एवं मनोज नरेडी के साथ ही चैंबर के पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल को पेट्रोन सदस्य एवं संरक्षक मनोनित किया गया। झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स से सामंजस्य बनाकर एफएमसीजी ट्रेडर्स की कठिनाईयों के त्वरित समाधान के लिए दीनदयाल बरनवाल एवं राम बांगड़ के प्रतिनिधित्व से सलाहकार समिति का गठन भी किया गया। बैठक में प्रमोद श्रीवास्तव, अशोक मंगल, सतीश गोयल, विजय सराफ, सज्जन पड़िया, विजय भाटिया, विवेक अग्रवाल, हर्ष ठक्कर समेत काफी संख्या में व्यापारी उपस्थित थे।