रांची। झारखंड के धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद अष्टम की मौत के मामले का रहस्य जानने के लिए आज ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की ब्रेन मैपिंग की जाएगी। इससे पूर्व दोनों का नार्को टेस्ट कराया गया था।
बता दें कि गुजरात के गांधीनगर एफएसएल के विशेषज्ञों ने सोमवार को दोनों की ब्रेन मैपिंग का स्लॉट दिया है। सोमवार की सुबह दोनों को अहमदाबाद स्थित साबरमती सेंट्रल जेल से गांधीनगर एफएसएल ले जाया जाएगा। ब्रेन मैपिंग के मद्देनजर सीबीआई के अधिकारियों और फोरेंसिक लैब के विशेषज्ञों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। बारी-बारी से दोनों की ब्रेन मैपिंग होगी। उन्हें घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज और फोटो दिखा कर उनसे सवाल पूछने की तैयारी है। इसके लिए सीबीआई ने प्रश्नावली भी तैयार की है। दोनों के जवाब को मशीन की कसौटी पर परखा जाएगा, ताकि सीबीआई को पता चल सके कि दोनों जो कहानी बता रहे हैं, उसमें कितनी सच्चाई है और वे कितना झूठ बोल रहे हैं।
ब्रेन मैपिंग से सीबीआई सिर्फ यह पता लगा पाएगी कि दोनों सच बोल रहे हैं या झूठ। इसके बाद दोनों की नार्को एनालिसिस भी कराई जाएगी। यदि दोनों कुछ छिपा रहे हैं, तो नार्को के जरिए छिपी कहानी बाहर आ सकती है। दोनों को दवा देकर इस स्थिति में लाया जाएगा, जहां झूठ की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी। अगले एक सप्ताह में दोनों टेस्ट करने की योजना है। इधर सीबीआई की एक टीम पोस्टमार्टम की बारीकियां समझने के लिए एसएनएमएमसीएच के डॉक्टरों से लेकर दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों से संपर्क में है। 27 अगस्त को जज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की हर पहलू पर जांच कर सीबीआई हाईकोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगी।