वादा पूरा नहीं कर पारा शिक्षकों के साथ अन्‍याय कर रही हेमंत सरकार

झारखंड
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  • एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक में बनी आगे के आंदोलन की रणनीति
  • सरकार में महत्‍वूपर्ण विभाग लेकर बैठे स्‍थानीय विधायक रामेश्‍वर उरांव भी भूल गये

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक जिला सचिव लाल उमा शंकर नाथ शाहदेव की अध्यक्षता में एक अगस्‍त को हुई। इसमें लोहरदगा जिले के सभी प्रखंड के क्रियाशील पारा शिक्षकों ने भाग लिया। बैठक में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हुई। प्रखंड अध्यक्ष श्रीमती सुनीता साहू ने कहा कि हेमंत सरकार अपने वादा को पूरा नहीं कर पारा शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार में महत्वपूर्ण विभाग लिए बैठे लोहरदगा विधायक रामेश्वर उरांव ने चुनाव के समय स्थायीकरण, वेतनमान तुरंत दिलाने का वादा किया था। अब वह भूल गए। अब आंदोलन करना ही एक मात्र रास्ता बच गया है।

जिला अध्यक्ष जसीम अंसारी ने कहा कि अब ज्यादा इंतजार नहीं किया जा सकता है। 15 अगस्त तक स्थायीकरण और वेतनमान नहीं मिला तो जिला कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उसके बाद स्थानीय विधायक सह मंत्री के आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

जिला सचिव लाल उमाशंकर नाथ शाहदेव ने कहा कि कल्याण कोष में रिटायर होने पर 5,00,000 तक का राशि प्रधान होना चाहिए। कोरोना से मरे पारा शिक्षकों की जांच किसी स्वतंत्र संस्था से कराई जाए, क्योंकि बहुत पारा शिक्षक अस्पताल तक नहीं पहुंच सके। भंडरा प्रखंड सचिव सोहराय ने कहा कि सभी लड़ाई एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

पेशरार के प्रखंड अध्यक्ष अमानुल्लाह खान ने कहा कि 15 अगस्त तक स्थानीय विधायक सह मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव हमारी मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो गांव-गांव में झूठा वादा पोल खोल आंदोलन चलाकर ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा। पारा शिक्षक समूह में जाकर नुक्कड़ नाटक करेंगे। हमारी मांग एक मांग वेतनमान और स्‍थायीकरण है।

जिला के कोषाध्यक्ष विजय साहू ने कहा कि 15 अगस्त तक मांगे पूरा नहीं हुआ तो रघुवर सरकार वाली कहानी 15 नवंबर को पुनः दोहराया जाएगा। बैठक में जया रानी कुंवर, रीता कुजूर, गुलनाज, रुखसाना, परवीन, रूबी, रीता देवी, तुलसी मिंज, विजय सिंह, रामदयाल, सुखमणि कुमारी, नागेश्वर राव, शोएब अख्तर, अंबिका सिंह, सुखराम, दुबराज मांझी, महबूब हजाम, मोहन राम, जगमोहन मोहाली आदि भी मौजूद थे।