पटना। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के कला-संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के सौजन्य से सुरों के जादूगर मुकेश चंद्र माथुर की पुण्यतिथि पर संगीतमय संध्या ‘एक प्यार का नगमा है’ का आयोजन किया गया। इसमें नामचीन कलाकारों ने उनके गाये गाने पेश कर उन्हें श्रद्धांजलि सुमन अर्पित किया।
संगीतमय कार्यक्रम का संयोजन जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेम कुमार, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के उपाध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव अनुराग समरूप ने किया। कार्यक्रम का संचालन बिहार कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष अखौरी योगेश कुमार और अजय अमबष्ठा ने संयुक्त रूप से किया।
कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संरक्षक विनय कुमार सिन्हा ने चित्रगुप्त वंदना से कार्यक्रम का आगाज किया। ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा मुकेश ने अपने मधुर गीतों और अपनी सुरीली आवाज से इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई। उन्होंने मुकेश को भारत रत्न देने की मांग केन्द्र सरकार से की।
जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा कि सुरों के बादशाह मुकेश को भारतीय संगीत उद्योग के सबसे सफल और प्रसिद्ध गायकों में से एक माना जाता है। मुकेश ना केवल एक गायक, बल्कि एक अच्छे इंसान के रूप में भी जाने जाते थे। बिहार की प्रदेश अध्यक्ष और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डॉ नम्रता आनंद ने बताया कि मुकेश को फिल्म जगत में उनकी अलग तरह की आवाज के लिए हमेशा याद किया जाता है। उनके गीत आज भी लोगों को सुकून देते हैं।
प्रेम कुमार ने बताया खूबसूरत नगमों के सरताज मुकेश हिंदी सिनेमा के उन गायकों में से एक रहे हैं, जिन्होंने संगीत जगत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। दिवाकर कुमार वर्मा ने बताया कि मुकेश ने अपने गाये सदाबहार नगमों के जरिये श्रोताओं के दिलों पर अमिट पहचान बनायी है। अनुराग समरूप ने कहा कि मुकेश ने अपनी दर्दभरी सुरीली आवाज से सबके दिल में अपना खास मुकाम बनाया।
संगीतमय कार्यक्रम में मनीष वर्मा, दिवाकर कुमार वर्मा, कुमार संभव, कुंदन तिवारी, अमिताभ श्रीवास्तव, रत्ना गांगुली, डॉ नम्रता आनंद, प्रेम कुमार, मेघाश्री अंजू, विवेक सिन्हा, प्रवीण बादल, सुबोध नंदन सिन्हा, शबनम, आयुष सिन्हा ने मुकेश के सदाबहार गीतों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।