- मुख्यमंत्री ने राज्य के 2 लाख किसानों के बीच 734 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण
रांची। झारखंड के किसानों को मजबूत कर उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। सरकार गठन के बाद से ही यहां के किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान कर उन्हें अपने पैरों में खड़ा करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाले लोग काफी मेहनती हैं। मेरा मानना है कि ऐसे मेहनतकश लोगों को सरकार द्वारा सही समय पर उचित मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराया जाए तो किसान आर्थिक स्वावलंबन की ओर आगे बढ़ सकेंगे। हमारी सरकार ने आने वाले 25 वर्षों को ध्यान में रखते हुए कार्य योजनाओं को मूर्त रूप देने में लगी है। राज्य के किसान मजबूत होंगे तभी राज्य मजबूत होगा। आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर हम सभी लोग राज्य के किसान भाईयों को सम्मान देने का कार्य कर रहे हैं। आज से झारखंड के किसानों को बिरसा किसान के नाम से जाना जाएगा। आजादी के पहले से ही हमारे पूर्वजों ने अपने आने वाली पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए संघर्ष किया था। भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, सिदो कान्हो, चांद-भैरव, फूलो-झानो सहित अनेकों वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहूति दी। झारखंड वीरों की भूमि रही है। हमें गर्व है कि ऐसे वीर सपूतों का मार्गदर्शन हमें मिला है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने 9 अगस्त को झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में आयोजित बिरसा किसान के सम्मान में केसीसी एवं मुख्यमंत्री पशुधन वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
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बाजार और उचित मूल्य की होगी व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपारिक आय के साधनों में कमी आयी है। कमी और खामियों की वजह से ग्रामीण किसान वनोपज जैसे आय के स्रोतों को धीरे-धीरे छोड़ते चले आए। उन्होंने कहा कि लाह, सिल्क इत्यादि चीजों का उत्पादन झारखंड में सबसे अधिक होता है, परंतु इन संपदाओं का पूरा लाभ हमें नहीं मिल पाता है। हमारे किसान मेहनत करते हैं और फल दूसरे लोग खा रहे हैं। प्रकृति ने हमें यहां के जंगलों में जो चीजें दी थी, उससे हमारे किसान आर्थिक रूप से मजबूत थे। समय के साथ-साथ चीजें बदलती गई और आज हम प्रकृति से मिले संसाधनों को आय का स्रोत नहीं बना पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार वनोपज के लिए व्यवस्था दुरुस्त करने में लगी है। किसानों को वनोपज के लिए बाजार और उचित मूल्य उपलब्ध हो सके इस निमित प्रतिबद्धता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। जल्द ही वन उपज के विस्तार के लिए फेडरेशन बनाए जाएंगे।
खेत किसानों का बैंक और पशुपालन एटीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के किसानों एवं खेतिहर मजदूरों के लिए खेत उनका बैंक और पशुधन एटीएम है। राज्य की आबादी का बड़ा हिस्सा खेतीबारी से ही जीवन यापन करते हैं। पशुपालन और पशुधन उनके लिए आय का सरल साधन है। ग्रामीण लोगों के लिए कुछ वर्ष पहले तक पशुधन ही पूंजी हुआ करती थी, परंतु धीरे-धीरे यह पूंजी कहां गायब हो गई यह समझ पाना बहुत ही मुश्किल है। एक समय ऐसा था जब लोग गांवों में झुंड के झुंड जानवर लेकर चराने के लिए जाया करते थे, ऐसी तस्वीरें अब देखने को नहीं मिल रही हैं। पशुधन जैसे आय के स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने पशुपालन पर विशेष बल दिया है। ग्रामीण किसान एवं खेतिहर मजदूर को सब्सिडी पर पशु एवं पशु शेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लगभग 40% बच्चे जन्म लेते ही कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सप्ताह में 6 दिन इन बच्चों को अंडा उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बच्चों को कुपोषण मुक्त करना हमारा संकल्प है। पशुपाल, मुर्गी पालन, अंडा उत्पादन, मछली उत्पादन इत्यादि को सरकार बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ वर्ष पहले एक छोटे समय काल के लिए मुझे राज्य का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था उसी समय मैंने पौष्टिक आहार के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा स्कूलों में अंडा उपलब्ध कराने की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार इस सोच के साथ कार्य कर रही है कि लोग अपने घरों पर ही बच्चों को घर का अनाज और घर में उत्पादित अंडे खिला पाएं। उन्होंने कहा कि हमारी सोच है कि हम किस तरह हम आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित कर सकें।
योजनाओं का लाभ अवश्य लें किसान
मुख्यमंत्री किसानों से अपील किया कि वे राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का पूरा लाभ लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य के 2 लाख किसानों के बीच 734 करोड़ की योजनाओं का वितरण किया जा रहा है। किसान क्रेडिट कार्ड में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। किसानों को पशुधन से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान एवं खेतिहर मजदूर भाईयों के हित को देखते हुए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलायी जा रही हैं। हमारी सरकार इन योजनाओं को शत प्रतिशत आपके बीच लागू कर सके इस निमित्त रूपरेखा तैयार की गई है। सभी योजनाओं का समय-समय पर ऑडिट भी किया जाएगा ताकि यह पता चल सके की योजनाएं आप तक पहुंच रही हैं अथवा नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति ने हमारे राज्य को खनिज संपदाओं के भंडार के रूप में हमें कई चीजें दी है। इन खनिज संपदाओं का सदुपयोग बेहतर तरीके से हो तो हमारे गरीब किसानों को आर्थिक मजबूत तथा स्वावलंबी बनाया जा सकेगा।
हर सेक्टर में प्रतिबद्धता से हो रहा कार्य
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जब से राज्य की बागडोर संभाली है, तब से प्रत्येक सेक्टर में प्रतिबद्धता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। खास तौर पर कृषि विभाग पर मुख्यमंत्री की विशेष कृपा रही है। पहली बार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के किसानों के हित को देखते हुए दो हजार करोड़ रुपए की ऋण माफी की घोषणा हुई। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौर में ऋण माफी करना तथा वैसे किसान जिनका ऋण माफी हुआ है उन्हें फिर ऋण देकर मजबूत करना सरकार की दूरदृष्टि को परिभाषित करता है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में कृषि कार्य एवं किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड एवं पशुधन सहित अन्य परिसंपत्तियों का वितरण आज राज्य के 24 जिला मुख्यालयों तथा 264 प्रखंड मुख्यालयों में किया जा रहा है। हमारी सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस के दिन किसानों को सम्मानित करने का काम किया है। कृषि विभाग निरंतर राज्य के किसानों के आर्थिक स्वावलंबन और मजबूती के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करती रहेगी।
मौके पर विधायक बंधु तिर्की एवं विधायक समरीलाल ने कार्यक्रम को संबोधित किया। राज्य सरकार द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर किसानों को सम्मानित किए जाने की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री द्वारा झारखंड मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में सांकेतिक तौर पर 20 लाभुक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, 10 किसानों को पशुधन और 2 सब्जी विक्रेता सहकारी संघ को पिकअप वैन का वितरण किया गया।
दुमका और बोकारो के किसानों से मुख्यमंत्री ने की बात
मौके पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से बोकारो एवं दुमका के किसानों से बात की। किसानों से उनके फसल एवं कृषि गतिविधियों के संबंध में जानकारी ली। उन्हें शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीख पी, कृषि निदेशक श्रीमती निशा उरांव, पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।