टेलीमेडिसिन के विभिन्‍न आयामों पर विशेषज्ञों ने की चर्चा

झारखंड
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  • एनआईटी जमशेदपुर में ‘एफडीपीटी-2021’ का आयोजन

जमशेदपुर। एनआईटी जमशेदपुर ने 9-13 अगस्त तक टेलीमेडिसिन पर ‘एफडीपीटी-2021’ का आयोजन किया। यह कार्यक्रम एआईसीटीई द्वारा प्रायोजित किया गया था। इसमें पूरे भारत से लगभग 160 संकाय सदस्य और शोधार्थियों को चुना गया था। पांच दिनों के दौरान आईआईटी, एनआईटी और उद्योग के विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए।

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एआईसीटीई द्वारा 38 अन्य ऑनलाइन एफडीपी के साथ इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। आईआईएम अमृतसर के निदेशक प्रो एन राममूर्ति मुख्य अतिथि थे। एआईसीटीई के अध्‍यक्ष प्रो अनिल डी सहस्रबुद्धे विशिष्ट अतिथि। एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो केके शुक्ला, एचओडी ईसीई विभाग के एचओडी डॉ अमित प्रकाश और समन्‍वयक डॉ प्रशांत कुमार सहित अन्य संकाय सदस्य भी इस सत्र के दौरान उपस्थित थे।

टेलीमेडिसिन रोगियों को डॉक्टर के कार्यालय या अस्पताल में शारीरिक रूप से जाने की जग प्रौद्योगिकी का उपयोग करके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ संवाद करने की अनुमति देता है। टेलीमेडिसिन के साथ टेलीफोनिक कॉल, वीडियो-कॉल, ऑनलाइन पोर्टल और ईमेल का उपयोग करके वास्तविक समय में स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ लक्षणों, चिकित्सा मुद्दों और बहुत कुछ पर चर्चा की जा सकती है। टेलीमेडिसिन का उपयोग करके कोई निदान प्राप्त कर सकता है। अपने उपचार के विकल्प सीख सकता है। एक नुस्खा प्राप्त कर सकता है। COVID-19 महामारी के दौरान इस तकनीक ने उल्लेखनीय वृद्धि और स्वीकृति दिखाई है।

तकनीकी उत्कृष्टता का उद्गम स्थल होने के नाते एनआईटी जमशेदपुर ने टेलीमेडिसिन के ज्ञान के साथ संकाय सदस्यों और शोध विद्वानों को अद्यतन करने के लिए यह पहल की, ताकि वे कार्यक्रम के दौरान प्राप्त विचार, जानकारी और अनुभव का प्रसार कर सकें। इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को अपने अनुभव साझा करने और विषय में विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने के लिए एक ऑनलाइन मंच भी प्रदान किया।

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पहले दिन एनआईटी जमशेदपुर के प्रो एसएन सिंह और एनआईटी दुर्गापुर के डॉ टीके बेरा ने टेलीमेडिसिन और बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशन के बारे में चर्चा की। दूसरे दिन एनआईटी सिलचर के डॉ पी पटनायक ने टेलीमेडिसिन में 5जी की भूमिका के बारे में चर्चा की। अन्य सत्रों में डॉ प्रशांत कुमार और प्रो राम बिलास पचोरी ने वियरेबल डिवाइसेस और ब्रेन डिजीज डायग्नोसिस सॉफ्टवेयर टूल्स पर विस्तृत चर्चा की। तीसरे दिन सत्र में आईआईटी गुवाहाटी के डॉ राकेश मातम ने चिकित्सा उपकरण सुरक्षा पर प्रस्तुत किया। डॉ जयेंद्र कुमार ने टेलीमेडिसिन उपकरणों में माइक्रोकंट्रोलर की भूमिका पर चर्चा की।

टाटा स्टील के बसंत सुब्रमण्यम ने चिकित्सा उपकरणों के इंटरनेट पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। चौथे दिन पहले सत्र में जियोवियो हेल्थ केयर, सिंगापुर के सीईओ सेंथिलकुमार मुर्गसन ने भाग लिया। दूसरे सत्र का संचालन आर्ट ऑफ लिविंग की सुश्री तनुश्री बिश्नोई ने किया। उन्होंने तनाव से राहत के लिए ध्यान और योग आसनों का प्रदर्शन किया। तीसरे सत्र में डॉ बी भौमिक ने भाग लिया, जिन्होंने टेलीमेडिसिन के लिए नैनो-सक्षम सेंसर के बारे में चर्चा की। अंतिम तिथि को सत्र में आईआईआईटी भागलपुर के डॉ संदीप राज, आईआईटी पटना के डॉ उदित सतीजा और एनआईटी जमशेदपुर के डॉ मृत्युजय राउत ने भाग लिया।

सत्र की अध्यक्षता एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो केके शुक्ला और डॉ अमित प्रकाश एचओडी, ईसीई डॉ मृत्युंजय राउत कार्यक्रम के संयोजक भी उपस्थित थे। प्रतिभागियों ने समन्वयक के प्रयासों की सराहना की। सही समय पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एनआईटी जमशेदपुर को धन्यवाद दिया।