पटना। बिहार में कोरोना के केसेज कम होने के बाद कक्षा पहली से आठवीं की कक्षाएं सोमवार से शुरू हो गई हैं। 134 दिनों के बाद बच्चे-बच्चियां स्कूल पहुंचे। नीतीश सरकार ने इन स्कूलों को खोलने के लिए पहले ही तारीख तय कर दी थी।
सरकार के निर्देश के बाद 72 हजार सरकारी प्रारंभिक विद्यालय खुल गये हैं, हालांकि इन स्कूलों में अभी मध्याह्न भोजन योजना के तहत दोपहर का खाना नहीं दिया जाएगा। बाढ़ प्रभावित इलाके में स्कूल खोलने की अनुमति के बावजूद ज्यादातर हिस्सों में कक्षाओं के संचालन की स्थिति नहीं है। ऐसे स्कूलों में पठन-पाठन शुरू होने के लिए अभी इंतजार करना होगा। राज्य में निजी स्कूलों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, क्योंकि ज्यादातर निजी स्कूल निबंधित नहीं हैं।
ऐसे सैकड़ों स्कूल तो करीब डेढ़ साल से लॉकडाउन और कोरोना गाइडलाइन की बंदिशों की वजह से पूरी तरह बंद हो गए हैं। यहां बता दें कि प्रारंभिक विद्यालयों के खुलने से पूर्व की तैयारियों को लेकर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में सभी जिलों के समाहर्ता और जिला शिक्षा अधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग हुई थी। इसमें शिक्षा मंत्री ने आदेश दिया था कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विद्यालयों में कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने कहा कि अब विद्यालय पूरे समय तक चलें और शिक्षक अपना शत-प्रतिशत शिक्षण कार्य में योगदान करें। शिक्षा विभाग के सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी नियमित रूप से विद्यालयों में निरीक्षण करें। निरीक्षण के क्रम में यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विद्यालयों में कक्षाओं के संचालन में कोरोना प्रोटोकॉल और साफ-सफाई का पालन सुनिश्चित हो। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। शिक्षकों एवं कर्मचारियों को टीका की दोनों ही खुराक अवश्य दिलवाएं।
बैठक में मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार और प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र प्रसाद सिंह मौजूद थे।