सीसीएल प्रबंधन ने एक सप्‍ताह में क्‍वार्टर और जमीन खाली करने का सुनाया फरमान

झारखंड
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  • भय का माहौल, झामुमो ने आदेश का किया विरोध, सड़क पर उतरने की धमकी

प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। सीसीएल प्रबंधन ने स्वांग उत्तरी, स्वांग दक्षिणी और हजारी स्थित कंपनी क्‍वार्टर और जमीन में रह रहे पूर्व कर्मी के परिजन एवं विस्‍थापितों को एक सप्‍ताह में इसे खाली करने का फरमान सुनाया है। इससे पूरे इलाके में भय का माहौल है। प्रबंधन के इस आदेश का झारखंड मुक्ति मोर्चा विरोध करेगा। पार्टी के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने प्रबंधन के इस फैसले पर सवाल खड़ा किया है।

पूर्व विधायक ने कहा कि खाली पड़ी सीसीएल की अधिग्रहित भूमि में विस्थापित वर्षों से घर बनाकर रह रहे हैं। उन्हें भी प्रबंधन द्वारा जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है। झामुमो इसका भी पूरजोर विरोध करेगा। पूर्व कर्मी भी वर्षों कंपनी की सेवा करने के बाद रिटायर हुए हैं। पूरा जीवन कंपनी को ऊंचाई तक पहुंचाने में खपा दिया। पूर्व विधायक ने इस मामले में प्रबंधन के फैसले पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है।

पूर्व विधायक ने कहा कि दोनों ही मामलों में लोग वर्षों से निवास कर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं। ये वहीं लोग हैं, जिन्होंने सीसीएल को अपने खून पसीने से सींचा है। वर्षों सेवा की है। अपनी जमीनें दी है। वर्तमान समय में सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से पूरी दुनिया परेशान है। लोगों की कमर आर्थिक रूप से टूट चुकी है। ऐसे में सीसीएल प्रबंधन द्वारा एक सप्ताह में क्‍वार्टर और अधिग्रहित भूमि को खाली करने का फरमान सुनाना कदापि न्यायोचित नहीं है।

पूर्व विधायक ने कहा कि पहले से ही परेशान और समस्याओं से जूझ रहे लोगों की परेशानी इस फरमान से और बढ़ जाएगी। इसलिए प्रबंधन अविलंब अपने फैसले को वापस ले। अन्यथा  झारखंड मुक्ति मोर्चा इसका जोरदार विरोध करेगी। प्रबंधन के खिलाफ सड़क पर उतरेगी।