भूखे पेट के लिए बैल की जगह महिलाएं खींच रहीं हल, बच्चे मजदूरी करने को मजबूर

मध्य प्रदेश
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मध्यप्रदेश के आगर-मालवा में बैलों की जगह महिलाओं ने ले ली है। उन्हें खेत की जुताई के लिए हल में बैल की जगह रहना पड़ रहा है। आगर-मालवा के इस परिवार के पास इतने पैसे नहीं हैं कि बैल खरीद सकें, ऐसे में महिलाओं को खुद ही बैल की जगह लेनी पड़ी।

ये महिलाएं अपनी 3 बीघा जमीन में अंकुरित हुई सोयाबीन की फसल में उगने वाले खरपतवार को नष्ट करने के लिए कल्पा चला रही हैं। एक तरफ अपने मंत्रिमंडल में 1-2 नहीं बल्कि 11 महिलाओं को मंत्री बनाया है तो दूसरी तरफ खेतों में महिलाएं बैलों की जगह अपने हाथों में कृषि उपकरण लेकर बुआई, छंटाई का काम करने को मजबूर हैं।

इतना ही नहीं, इनके दो बच्चे हैं जिनके हाथों में किताबें होनी चाहिए थीं, लेकिन हालात से मजबूर ये बच्चे भी अपनी मां का हाथ बटाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। सरकार और उनकी योजनाएं कैसे सरकारी ऑफिसों की फाइलों में रह जाती हैं, ये तस्वीर इसका जीता-जागता उदाहरण है।