दुखद : दिग्‍गज अभिनेता दिलीप कुमार का निधन

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मुंबई। फिल्‍म इंडस्‍ट्री से सुबह-सुबह एक बुरी खबर आई। दिग्‍गज फिल्‍म अभिनेता दिलीप कुमार का निधन हो गया है। उन्‍होंने मुंबई के हिंदुजा अस्‍पताल में 7 जुलाई की सुबह 7.30 बजे ली अंतिम सांस ली। वे 98 साल के थे। लंबे समय से सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से उन्‍हें बार-बार अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा था।

दिलीप कुमार के साथ उनकी पत्नी और अभिनेत्री सायरा बानो आखिरी सांस तक उनके साथ रही। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पोस्ट साझा कर अभिनेताओं ने उन्‍हें श्रद्धांजलि दी।

जानकारी हो कि दिलीप कुमार को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण छह जून को भी हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय उनके फेफड़ों के बाहर तरल पदार्थ जमा हो गया। इलाज के बाद वे ठीक हो गये थे। पांच दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर, 1922 को पाकिस्तान में हुआ था। उनका नाम यूसुफ खान था। उन्हें पर्दे पर दिलीप कुमार के नाम से शोहरत मिली। एक्टर ने अपना नाम एक प्रोड्यूसर के कहने पर बदला था, जिसके बाद उन्हें स्क्रीन पर दिलीप कुमार के नाम से लोग जानने लगे।

दिलीप कुमार की शुरुआती पढ़ाई नासिक में हुई। बाद में उन्होंने फिल्मों में अभिनय का फैसला किया। 1944 में रिलीज हुई फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से डेब्यू किया। शुरुआती फिल्में नहीं चलने के बाद अभिनेत्री नूर जहां के साथ उनकी जोड़ी हिट हो गई। ‘जुगनू’ दिलीप कुमार की पहली हिट फिल्म थी। इसके बाद उन्‍होंने कई हिट फिल्में दी।

उनकी ‘मुगल-ए-आजम’ उस वक्त की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। अगस्त 1960 में रिलीज हुई यह फिल्म उस वक्त की सबसे महंगी लागत में बनने वाली फिल्म थी।  दिलीप कुमार को आठ फिल्मफेयर अर्वाड मिले थे। सबसे ज्यादा अवॉर्ड जीतने के लिए दिलीप कुमार का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। दिलीप कुमार को साल 1991 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 1994 तें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया।

2000 से 2006 तक वह राज्य सभा के सदस्य भी रहे। 1998 में वह पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी सम्मानित किए गए।